मुंबई में सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी देने के बाद फांसी की सजा पर हो रही बहस को लेकर नायडू ने कहा, वाकई मैं चकित हूं कि कुछ लोग याकूब मेमन को मिली फांसी पर बहस कर रहे हैं। वह देशद्रोही था, वह एक आतंवादी था और उसने देश को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। वह निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया का साथ गुजरा। इसी प्रक्रिया के दौरान उसे सजा मिली और वह सजा लागू हुई।”
नायडू ने कहा, “कुछ लोग इस सजा को मानवाधिकार से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं तो कुछ लोग इसे मजहब से जोड़ रहे हैं। आतंकी का कोई मजहब नहीं होता और न ही उसकी कोई जाति होती है। आतंकवादी केवल आतंकवादी है। यदि हम याकूब के साथ सहानुभूति जता रहे हैं तो देश का नुकसान कर रहे हैं।”
नायडू ने कहा, “मीडिया में याकूब मेमन का जिस तरह के कवरेज किया गया इसे लेकर लोगों में नाराजगी है। देश ने अपने महान सपूत अब्दुल कलाम को खोया था। उनकी अंत्येष्टि चल रही थी लेकिन मीडिया का फोकस याकूब मेमन था। नायडू ने उन लोगों की आलोचना की जो न्यायपालिका को चुनौती दे रहे थे। नायडू ने कहा कि यह पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि यह मुसलमान आतंकवाद, ईसाई आतंकवाद या हिन्दू आतंकवाद। हमने कहा है आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है और वह मानवता का दुश्मन है और उसे इसी रूप में देखा जाना चाहिए।”