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नहीं रही जयललिता, आज शाम होगा अंतिम संस्कार

Published: Dec 06, 2016 07:42:00 am

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता का सोमवार देर रात निधन हो गया, रविवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद उन्हें फिर से आईसीयू में भर्ती करवाया गया था

jayalalithaa

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चेन्नई। तमिल नाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का सोमवार रात 11.30 बजे निधन हो गया। वे 22 सितंबर से अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं। अस्पताल और उनकी पार्टी एआईडीएमके ने उनकी मौत की पुष्टि की। रविवार रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। अपोलो अस्पताल ने उनके निधन की अधिकारिक पुष्टि करते हुए रात सवा 12 बजे बुलेटिन जारी किया। प्रदेश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल में रखा गया है। जयललिता का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर एमजीआर समाधि के पास शाम 4:30 बजे होगा।

तमिलनाडु की छह बार मुख्यमंत्री रही जयललिता 68 वर्ष की थी। इससे पहले वित्त मंत्री ओ. पन्नीसेल्वम की अगुवाई में एआईडीएमके के मुख्यालय में विधायक दल की बैठक हुई। जहां उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया। वे तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। जयललिता के निधन के बाद राज्यभर में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई। उनके शव को अपोलो अस्पताल से काफिले के जरिए उनके आवास पोएस गार्डन ले जाया गया। उनका शव मंगलवार को अंतिम दर्शनार्थ राजाजी भवन में रखा जाएगा।

जयललिता प्रदेश की एक लोकप्रिय नेता थीं जिन्होंने अपने लोकलुभावन कार्यों से लोगों का दिल जीता, खासकर गरीबों का। तमिल नाडु में स्कूल और कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है। जयललिता के पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा जाएगा।

राष्ट्रपति, पीएम मोदी सहित अन्य नेताओं ने दुख जताया
जयललिता की मौत की खबर मिलने के बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दुख जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जयललिता की मौत पर दुख जताया। पीएम मोदी ने कहा कि उनके जाने से राजनीति में गहरा शून्य। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान जारी कर कहा कि उनकी मौत से दुख हुआ है। वहीं, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हमने एक महान नेता को खो दिया है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को दिल का दौरा पडऩे के बाद उन्हें फिर से आईसीयू में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें ईसीएमओ और अन्य जीवन रक्षक सहायक प्रणालियों पर रखा हुआ था। दिल का दौरा पडऩे की खबर बाहर आने के बाद पुलिस ने अस्पताल के बाहर सुरक्षा और कड़ी कर दी थी। उनकी मौत की खबर सुनते ही अस्पताल के बाहर हजारों की संख्या में मौजूद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके) के समर्थक रोने लग गए।

शाम को भी उड़ी थी मौत की खबर
हालांकि, सोमवार शाम को भी जयललिता की मौत की खबर उड़ी थी। यह खबर सुनते ही अस्पताल के बाहर मौजूद उनके समर्थक हिंसा पर उतर आए। जयललिता की मौत की खबर बाहर आने के बाद एआईएडीएमके के मुख्यालय पर पार्टी ध्वज को आधा झुका दिया था। बाद में खबर गलत साबित होने के बाद झंडे को फिर से पूरा फहरा दिया गया। हालांकि, सरकार ने उनकी मौत की आधिकारिक घोषणा नहीं थी।

अस्पताल ने खबर को गलत करार दिया था
अपोलो अस्पताल ने भी एक बयान जारी कर इस खबर को गलत करार देते हुए कहा था कि उनकी हालत बेहद चिंताजनक बनी हुई है और वह लाइफ स्पोर्ट सिस्टम पह हैं। अस्पताल ने आगे कहा कि हमारे बेहतरीन प्रयासों के बावजूद हमारी प्यारी मुख्यमंत्री की ‘हालत नाजुक’ बनी हुई है। उन्हें ईसीएमओ और अन्य जीवन रक्षक सहायक प्रणालियों पर रखा गया है। उनका इलाज चल रहा है और विशेषज्ञ उनकी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

68 वर्षीय जयललिताफेंफड़ों में संक्रमण होने के बाद से सितंबर से अस्पताल में भर्ती थीं। एआईएडीएमके की नेता को रविवार को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। उल्लेखनीय है कि जयललिता को रविवार को दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें फिर से गहन चिकित्सा यूनिट (आईसीयू) में भर्ती करवाया गया था। यह जानकारी चेन्नई के
अपोलो अस्पताल ने दी। इससे कुछ घंटे पहले, उनकी पार्टी एआईएडीएमके ने कहा था कि जयललिता पूरी तरह से ठीक हो गई हैं। फेफड़ों के संक्रमण के कारण पिछले तीन महीनों से अस्पताल में भर्ती थीं।

दिल का दौरा पडऩे की खबर बाहर आते ही अस्पताल के बाहर सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी। साथ ही उनके प्रशंसक भी अस्पताल के बाहर जुटने लग गए थे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने जांच कर मुख्यमंत्री को पूरी तरह फिट करार दिया था और कहा था कि वह जल्द ही अस्पताल से घर जा सकेंगी। अपोलो अस्पताल ने जारी बयान में कहा कि ह्दयरोग विशेषज्ञो सहित वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही थीं।

उल्लेखनीय है कि अपोलो अस्पताल के डॉक्टर भी पहले कह चुके थे कि मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है और उन्हें तय करना है कि वह कब घर जाना चाहती हैं। उनकी पार्टी ने भी कहा था कि वह महत्वपूर्ण निर्णयों पर नजर रख रही हैं, साथ ही समय-समय पर उन लोगों से बातें भी कर रही हैं जिन्हें उनसे मिलने की इजाजत है।

जब पहली बार सितंबर में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था तो उनकी पार्टी के लोगों ने कहा था कि पानी की कमी और बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बाद में पता चला कि उनकी हालत बेहद गंभीर है। वह कई हफ्तों तक श्वसन प्रणाली पर थीं। उनकी हालत की देखरेख के लिए लंदन और दिल्ली से विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी बुलाया गया था।

जयललिता जब अस्पताल में भर्ती हुईं थी तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस उपाअध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई वीवीआईपी नेता उनकी सेहत की जानकारी लेने अस्पताल आए थे।
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