पोस्ट पठानकोट रिव्यू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में कमेटी ने लचर सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर चिंता जताई है।
नई दिल्ली. जनवरी महीने में पठानकोट एयर बेस पर आतंकी हमले के बाद गठित पोस्ट पठानकोट रिव्यू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कर दिया कि है भारत-पाक से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बेहद लचर हैं। इस मामले में पाक के साथ अंतराष्ट्रीय सीमाओं से लगे चार राज्य आतंकी सीमाएं घुसपैठियों के लिए मुफीद साबित हो सकते हैं।
फाइव लेयर सिक्योरिटी सिस्टम
भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगते चार राज्यों सहित अन्य क्षेत्रों में भी कमेटी ने फाइव लेयर सेफ्टी सिस्टम बहाल करने पर जोर दिया है। कमेटी की सुझावों के आधार पर सरकार ने फाइव लेयर सिक्योरिटी सिस्टम विकसित करने पर अपनी सहमति भी दे दी है। इस योजना के तहत संवेदनशील क्षेत्र खासकर वेस्टर्न बॉर्डर क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरा, थर्मल इमेजिंग और नाइट विजन डिवाइसेस, बैटलफील्ड सर्वेलांस रडार, अंडरग्राउंड मॉनिटरिंग सेंसर्स और लेजर बैरियर्स लगाने का प्रावधान रखा गया है। एकीकृत डिवाइस लगाने का मकसद यह है कि अगर एक काम न भी करे तो दूसरा इस काम को कर दिखाए, जिससे कि सुरक्षा मामलों में चूक की कोई गुंजाइश न रहे।
तनकीक प्रयोग पर जोर
कमेटी ने रिपोर्ट में इस बात पर बल दिया है कि पाक से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों, सतर्कता एजेंसियों, स्थानीय सतर्कता टीमों व संचार के माध्यमों को लेकर तकनीकी को बढ़ावा मिले। नदी से लगने वाले क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने पर गंभीरता से ध्यान देने का सुझाव दिया गया है। कमेटी ने इन कमियों को दूर करने के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाने पर जोर दिया है। साथ ही घुसपैठ के लिए मुफीद सीमावर्ती क्षेत्रों में लेजर वाल नहीं बनाने पर असंतोष जताया है।
गैप जोन सबसे बड़ी चिंता
सुरक्षा को लेकर मूल चुनौतियां यह है कि पाकिस्तान के साथ लगते लंबे बॉर्डर को सिक्योरिटी प्रूफ कैसे बनाया जाए। द्रोण की तैनाती, हाई रिजॉल्यूशन सेटेलाइट ईमेज मिलने के बावजूद इन क्षेत्रों में ऐसे गैप्स बड़े पैमाने पर हैं, जहां से पाक घुसपैठिये भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकते हैं।
3,323 किमी लंबा है भारत-पाक सीमा
भारत-पाक बॉर्डर इलाका 3,323 किलोमीटर लंबा है। इनमें सबसे ज्यादा लंबा सीमावर्ती क्षेत्र जम्मू और कश्मीर से लगा है। यह क्षेत्र 1,225 किलोमीटर है। इसके अलावा पंजाब से 553 किलोमीटर, राजस्थान सिे 1,037 किलोमीटर और गुजरात 508 किलोमीटर है।
मधुकर गुप्ता थे रिव्यू कमेटी के हेड
इस कमेटी का गठन बाद पूर्व गृह सचिव मधुकर गुप्ता की देखरेख में किया गया था। इसका मकसद सरकार को यह सुझाव देना था कि सुरक्षा कमियों को दूर करने एवं फेंसिंग की खराब स्थिति में सुधार कैसे लाना संभव है। साथ बॉर्डर इलाकों के गैप्स जोन को सिक्योर जोन में कैसे तब्दील की जाए।