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उनाकांड की बरसीः मार्च निकाल रहे जिग्नेश-कन्हैया गिरफ्तार, रिहा

Published: Jul 13, 2017 12:54:00 pm

आजादी कूच मार्च निकाल रहे दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को गुजरात पुलिस ने मेहसाणा में हिरासत में ले लिया। हालांकि पुलिस ने कुछ देर बाद ही दोनों लोगों को छोड़ दिया। उनके साथ जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार और पाटीदार नेता रेशमा पटेल समेत कई कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया था।

Jignesh and Kanhaiya

Jignesh and Kanhaiya

उना। आजादी कूच मार्च निकाल रहे दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को गुजरात पुलिस ने मेहसाणा में हिरासत में ले लिया। हालांकि पुलिस ने कुछ देर बाद ही दोनों लोगों को छोड़ दिया। उनके साथ जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार और पाटीदार नेता रेशमा पटेल समेत कई कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया था। मेवाणी उना हमले के साल भर पूरे होने पर देश भर से आए करीब 100 कार्यकर्ताओं के साथ मेहसाणा से आजादी कूच निकाल रहे थे। इस यात्रा का अंतिम पड़ाव 18 जुलाई को बनासकांठा जिले के धानेरा तहसील के ऊसी गांव में होगा, जहां दशकों से कागज पर दलितों को आवंटित भूमि पर तिरंगा लहराकर कब्जा दिलाने का कार्यक्रम है।


शांति भंग होने की आशंका में किया गिरफ्तार
मेहसाणा के डीएसपी जेआर मोथालिया ने बताया कि आजादी कूच यात्रा के लिए पहले पुलिस ने इजाज़त दी थी, लेकिन शांति भंग होने की आशंका के चलते इसे रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जिग्नेश मेवाणी और अन्य लोगों को 143 (शांति भंग) और 188 (आदेश की अवहेलना) धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया। ये जमानती धाराएं हैं इसलिए सभी लोगों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया है।


कागज पर जमीन किसानों की, नहीं मिला कब्जा
हिरासत से छूटने के बाद मेवाणी ने आरोप लगाया कि यात्रा शुरू होते समय ही कुछ लोगों ने हम लोगों पर हमला बोल दिया लेकिन पुलिस ने हमलावरों पर कार्रवाई करने की बजाय मार्च में शामिल लोगों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के सवाल पर मेवाणी ने कहा, बीजेपी सरकार और पुलिस को जो करना है करे, लेकिन हम धानेरा पहुंचेंगे और दशकों से कागजों पर दलितों की जमीनों पर तिरंगा लहराएंगे।


चलता रहेगा हर दलित परिवार को 5 एकड़ जमीन देने का आंदोलन 
उनका कहना था कि उना हमले के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने पीड़ित दलित परिवारों को न्याय देने का वादा किया था। उन्होंने पीड़ित परिवारों को जमीन आवंटित करने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया था, लेकिन एक साल होने के बाद भी इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हर दलित परिवार को पांच एकड़ जमीन देने का आंदोलन आगे भी चलता रहेगा।


दलित, मुस्लिम और पाटीदार एकता से डर गई भाजपा सरकार
इस यात्रा में शामिल होने के लिए दिल्ली से गए रजा हैदर ने कहा कि मंगलवार को मेहसाणा में दलितों और मुस्लिमों की एकजुटता ने जो संदेश दिया, उससे राज्य की भाजपा सरकार डर गई। उन्होंने कहा कि बुधवार को जैसे ही ये मार्च मेहसाणा जिले की सीमा पर पहुंची, पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया और 20-22 किलोमीटर पीछे मेहसाणा ले आई। उनका कहना था कि बुधवार की शाम उना में पाटीदार समाज के लोगों ने मार्च के स्वागत की तैयारी की थी। राज्य सरकार को लगा कि दलित, मुस्लिम और पाटीदार एकता उनके लिए खतरनाक हो सकती है इसलिए उन्होंने यात्रा में बाधाएं डालीं।
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