scriptबिना आम राय समान नागरिक संहिता नहीं: कानून मंत्री | uniform civil code necessary but not without consensus : Sadananda Gowda | Patrika News

बिना आम राय समान नागरिक संहिता नहीं: कानून मंत्री

Published: Oct 14, 2015 10:19:00 am

समान नागरिक संहिता लागू करने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर कानून मंत्री ने कहाकि, इस तरह के निर्णय एक-दो दिन में नहीं लिए जा सकते।

sadanand gowda

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नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता पर कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहाकि देश की अखंडता के लिए यह जरूरी है लेकिन इस पर कोई भी निर्णय बिना आम सहमति बने नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहाकि संविधान की प्रस्तावना और आर्टिकल 44 में भी कहा गया है कि समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। देश की अखंडता के लिए आम नागरिक संहिता की जरूरत है। लेकिन यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है और इस पर विस्तार से चर्चा जरूरी है।

समान नागरिक संहिता लागू करने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर कानून मंत्री ने कहाकि, इस तरह के निर्णय एक-दो दिन में नहीं लिए जा सकते। इसमें समय लगेगा लेकिन निश्चित रूप से इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। केरल और कर्नाटक के उच्च न्यायालयों ने भी समान नागरिक संहिता की जरूरत जताई है। सरकार बनने के बाद भी इस मुद्दे पर आगे न बढ़ने के सवाल पर गौड़ा ने कहाकि आज भी हम इस पर आगे नहीं जा सकते क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। धीरे-धीरे हम इस पर आगे बढ़ेंगे।

गौड़ा ने राम मंदिर और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के सवाल पर भी ऎसा ही जवाब दिया और बताया कि पार्टी ने कभी नहीं कहाकि ये चीजें तुरंत बदल जाएंगी। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस शिवकीर्ति ने तीन सप्ताह के भीतर पर सरकार से जवाब देने को कहा है।

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