scriptयुद्ध समस्याओं का समाधान नहीं : महबूबा | War no solution to any problem : Mehbooba Mufti | Patrika News

युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं : महबूबा

Published: Sep 29, 2016 08:48:00 pm

मुफ्ती ने कहा, नई
दिल्ली और इस्लामाबाद को सीमाओं पर चल रहे टकराव के खतरनाक परिणामों को
समझते हुए बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए

Mehbooba Mufti

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इसे समाप्त करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए क्योंकि टकराव की भयंकर परिणति हो सकती है। मुफ्ती ने क्षेत्र की ताजा स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, नई दिल्ली और इस्लामाबाद को सीमाओं पर चल रहे टकराव के खतरनाक परिणामों को समझते हुए बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए।

दोनों देशों से संयम की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग शांति की तलाश में हैं क्योंकि राज्य में हिंसा के दौरान जनता ने भयंकर त्रासदियों को झेला है। हमें हिंसा के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है और हम इसके खतरों और परिणामों से वाकिफ हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सीमा पर और राज्य के भीतर शांति बहुत महत्व रखता है और मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व इसे उसी भावना के अनुरूप काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व से क्षेत्र में युद्ध जैसी स्थिति को खत्म करने की अपील की है। मुफ्ती ने कहा एक अंतहीन प्रतिद्वंद्विता में फंसे भाई-बहन की तरह भारत और पाकिस्तान छह दशकों से अधिक समय से झगड़ रहे हैं। इस प्रतिद्वंदिता को एक परिपक्व, उत्पादक रिश्ते में बदलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने परमाणु परीक्षण के बाद के चरण में बातचीत की आवश्यकता को अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, दुश्मनी को जारी रखने का परिणाम बहुत बुरा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युद्ध मुद्दों को हल करने का विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बजाए भारत और पाकिस्तान को मिलकर क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे गरीबी और आर्थिक अभाव को खत्म करने के लिए लडऩा चाहिए। दोनों परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों को सामाजिक विकास के क्षेत्र में एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। अशांत क्षेत्र का भविष्य शत्रुता के बजाए आम आर्थिक हितों से परिभाषित किया जाना है।

मुफ्ती ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज के बीच हुई बैठक के बाद इस्लामाबाद में नौ दिसंबर 2015 को जारी संयुक्त वक्तव्य की भावना को भी पुनर्जीवित करने की अपील की। उन्होंने कहा, संयुक्त वक्तव्य में दोनों पक्षों ने शांति और सुरक्षा, विश्वास बहाली के उपाय, जम्मू एवं कश्मीर, सियाचिन, सरक्रीक, वुल्लर बैराज/तुलबुल नौवहन परियोजना, आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग, आतंकवाद का मुकाबला, नारकोटिक्स कंट्रोल, मानवीय मुद्दों, लोग के हस्तांतरण और धार्मिक पर्यटन पर एक व्यापक द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने पर सहमत हुए थे।

उन्होंने बातचीत के अलावा कोई और विकल्प नहीं होने पर जोर देते हुए कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दो बार युद्ध होने के बाद मुद्दों के हल के लिए बातचीत के टेबल पर आना पड़ा। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि इस क्षेत्र में मौजूदा परिदृश्य के बीच मुद्दों को हल करने के लिए जमीनी हकीकत सामने आएगी और दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व शांति और ताजा संकल्प के साथ मेल-मिलाप को पुनर्जीवित करने के लिए शांतिपूर्ण साधनों के साथ खड़े होगें।
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