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मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी : केंद्र

Published: May 04, 2016 07:47:00 pm

विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह ने कहा, चीन से कहा गया है कि आतंककारियों के बीच आप फर्क नहीं कर सकते

Masood Azhar

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि भारत ने चीन से कहा है कि आतंककारियों के बीच फर्क करने का रवैया नहीं चलेगा और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश कूटनीतिक स्तर पर प्रयासरत है। विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह ने संसद के निम्न सदन में प्रश्नकाल के दौरान कहा, चीन से कहा गया है कि आतंककारियों के बीच आप फर्क नहीं कर सकते।

पूरक प्रश्न के तहत कांग्रेस के सदस्य गौरव गोगोई ने कहा कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयासों को जो झटका लगा है, वह नई दिल्ली की कूटनीतिक हार है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार विदेश दौरों के बावजूद यह हाल हुआ है।

उन्होंने कहा, इसे चेतावनी संकेत के तौर पर लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह बात जानना चाहा कि भारत के कूटनीतिक हथियार आखिर क्यों और कैसे कमजोर होते जा रहे हैं। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि चीन द्वारा अटकाए गए तकनीकी रोड़े को हटाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल को चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत के प्रस्ताव पर रोड़ा लगा दिया था। नई दिल्ली ने मसूद अजहर को इस साल जनवरी में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमलों के सरगना के रूप में पहचान की है।

भारत ने इस साल फरवरी में सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत मसूद अजहर को प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी। चीन ने हालांकि इस प्रस्ताव पर अडंग़ा लगाते हुए इस पर तकनीकी रोड़ा अटका दिया, जबकि अन्य सदस्यों -अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस- ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया।

भाजपा तथा बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि भारत खुद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट पाने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन इसमें लंबा वक्त लगेगा। उन्होंने कहा, वर्ष 1992 से ही प्रयास जारी हैं और 2008 में इसका पहला दौर नाकाम हो चुका है। साल 2008 के बाद दूसरा दौर जारी है। हम सभी मित्रवत देशों के साथ संपर्क में हैं और कई बड़े देशों ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार का पक्ष लिया है, जिसमें भारत एक बड़ी भूमिका अदा कर सकता है।

चीन भी समय-समय पर कहता आया है कि संयुक्त राष्ट्र में बड़ी भूमिका के लिए वह भारत का समर्थन करता है। बीजद सदस्य कलिकेश नारायण सिंह देव ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत पांचों स्थायी सदस्य देशों से कहे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर अनैतिक रूप से पकड़ बनाए रखने का समय अब खत्म हो चुका है।
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