पटना। नोटबंदी के मुद्दे पर मचे सियासी घमासान के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सीधी चुनौती देते हुए गुरुवार को कहा कि यदि पचास दिन में हालात सामान्य नहीं हुए तो क्या प्रधानमंत्री इस्तीफा देंगे। यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, प्रधानमंत्री के पचास दिन की मोहलत में 22 दिन बाकी हैं। पचास दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुुंह छुपाते घूमेंगे। ना प्रधानमंत्री, ना उनके मंत्री, ना आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गांवों की समझ है। ग्रामीणों की व्यथा को समझना तो बहुत दूर की कौड़ी होगी।
राजद सुप्रीमों ने एक अन्य ट्वीट में कहा, मोदी जी, देश महानगरों से ही नहीं बना है। आपका यह अर्थव्यवस्था पर थोपा घातक प्रयोग गांंवों में अन्न,जीवन, मृत्यु, भविष्य का प्रश्न बन गया है। मोदी जी जानते हैं कि बमुश्किल बीस प्रतिशत भारतीय ही कैशलेस लेन-देन करने की स्थिति में हैं।
यादव ने कैशलैस अर्थव्यवस्था की संकल्पना को नोटबन्दी के दलदल से ध्यान हटाने का जुमला बताया और कहा, जो नब्बे लोग प्रत्यक्ष रूप से नोटबन्दी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्क़ी थे? उनके परिवार का भार कौन लेगा? प्रधानमंत्री के पास उनके लिए समय/शब्द भी नहीं। एक अन्य ट्वीट में कहा, भागते भूत की लंगोटी भली। नोटबन्दी में मिट्टी पलीत होते देख प्रधानमंत्री काला धन का आलाप त्याग, अब कैशलेस अर्थव्यवस्था के पल्लू में छुप रहे हैं।
लालू यादव घोटालों के सरदार हैं : सुशील मोदी
बिहार में शीतकालीन सत्र हंगामे के भेंट चढ़ गया है। बीते छह दिनों के सत्र में एक भी प्रश्न का जवाब नहीं हुआ। भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र में पहली बार ऐसा हुआ कि एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं हुआ। वहीं कई नेताओं ने आपत्तिजनक बयान जरूर दिए हैं।
मौका मिलेगा तो और एक्सपोज करुंगा
नेता एक दूसरे पर जमकर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। राबड़ी देवी के इस मांग पर की सुशील मोदी माफी मांगे मोदी ने कहा कि लालू यादव घोटालों के सरदार हैं। मैं क्यू मांफी मांगू मौका मिलेगा तो और एक्सपोज करुंगा। मोदी ने कहा कि सीएम की लाचारगी दिखी जब उनकी मौजूदगी में राजद के सदस्य वेल में पहुंच नारेबाजी करते रहे।
पीएम ने लगाया चूना
राबड़ी देवी ने कहा कि सदन में गाली दे रहे हैं तो माफी भी मांगना पड़ेगा। राबड़ी देवी ने नोट बंदी को लेकर पीएम पर निशाना साधते हुए कहीं कि पनेरी भी पूछकर चूना लगाता है, लेकिन पीएम तो बिना पूछ ही सबको चूना लगा दिए। कांग्रेस और जदयू के नेता भी अपने अपने तरह से विपक्ष पर आरोप मढ़ने की कोशिश की।
अनुपूरक बजट पेश
हालांकि हंगामे के बीच सरकार के जरुरी काम काज जरुर निपटाए गए। जानकारी के अनुसार कई विधेयकों को पास कराया गया और अनुपूरक बजट भी पेश किया गया। इस पूरे सत्र के दौरान कभी भी गंभीरता से गतिरोध को दूर करने की कोशिश नहीं हुई। उच्च सदन की गरिमा को तार-तार करने की चर्चा सदस्यों में जरुरी होती रही।
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