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राजनीति

सेना की तैनाती और नोटबंदी पर विपक्ष का भारी हंगामा

संसद के शीतकालीन सत्र में आज ममता बनर्जी की पार्टी ने बंगाल में आर्मी की तैनाती का मुद्दा उठाया

Dec 02, 2016 / 02:35 pm

अमनप्रीत कौर

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नई दिल्ली।पश्चिम बंगाल में टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती और नोटबंदी को लेकर शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल के सदस्यों के भारी हंगामें के बीच लोकसभा की कार्यवाही पहले बारह बजे तक के लिए और फिर सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सुबह ग्यारह बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती का मुद्दा उठाया।

सदन में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्यया ने कहा कि गुरुवार को सेना ने बंगाल में एक तरह से टोल पर कब्जा कर लिया था। यह संघीय ढांचे पर हमला है। उनका इतना कहते ही तृणमूल सहित कई विपक्षी दल के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए और इस मामले में प्रधाानमंत्री से माफी मांगे जाने को लेकर जमकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने नए आयकर कानून पर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मोदी सरकार कालेधन में 50-50 कर रही है। महाजन ने सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की और चेतावनी भी दी, लेकिन इसके बावजूद सदस्यों ने हंगामा जारी रखा।

तृणमूल सदस्य रक्षामंत्री के बयान से संतुष्ट नहीं हुए और लगातार नारेबाजी करते रहे। इस दौरान प्रश्न काल कुछ देर चला हालांकि इस बीच विपक्षी सदस्यों को हंगामा भी होता रहा। अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बारह बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर महाजन ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों ने काम रोको प्रस्ताव का नोटिस दिए हैं जिन्हें अस्वीकार कर दिया गया है।

इसके बाद विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन की ओर बढऩे लगे। ये सदस्य मत विभाजन वाले प्रावधानों के तहत नोटबंदी पर चर्चा की मांग कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की भी मांग की। हंगामे के बीच महाजन ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे और कुछ समय तक शून्य काल चलाया। इस बीच विपक्ष के शोरशराबे को देखते हुए सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।

ममता बनर्जी की पार्टी ने शुक्रवार को संसद में बंगाल में आर्मी की तैनाती के मुद्दे को लेकर हंगामा किया। लोकसभा में टीएमसी सांसद सुदीप बनर्जी ने कहा – गुरुवार दोपहर को बंगाल में आर्मी में टोल प्लाजा पर कब्जा जमा लिया है। वहां आर्मी टोल वसूल रही है। यह संघीय ढांचे पर हमला है।

इस पर सरकार की ओर से मंत्री अनंत कुमार ने कहा – आप आर्मी को सियासत में न घसीटें। गौरतलब है कि बंगाल के टोल नाकों पर आर्मी की तैनाती से ममता बनर्जी काफी नाराज हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा – एक राज्य के मुख्यमंत्री ने आर्मी के बारे में जो कहा उससे मुझे सदमा पहुंचा। ये आर्मी की रुटीन एक्सरसाइज है। पिछले साल भी 15, 18 और 19 नवंबर को ऐसा हुआ था। पिछले 15 से 20 साल से यूपी, बिहार, बंगाल और नॉर्थ ईस्ट में जारी है। आर्मी ने राज्य सरकार को जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस के कहने पर ट्रैफिक व्यवस्था को देखते हुए इसे 1 दिसंबर को किया गया। मुझे बेहद खेद है कि पॉलिटिकल फ्रस्ट्रेशन में आर्मी की एक्सरसाइज को घसीटा जा रहा है।

गौरतलब है कि ममता ने यह आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) संख्या दो पर पलसित और दनकुनी के दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है जो ‘अभूतपूर्व और गंभीर मुद्दा है।’ उन्होंने राज्य सचिवालय में ही डेरा डाल लिया। उनका कहना है कि जब तक इसके सामने स्थित टोल प्लाजा से सेना नहीं हटाई जाती, वह तब तक वहां से नहीं हटेंगी । ममता ने कहा, ‘राज्य सरकार को सूचित किए बगैर दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है। यह बहुत गंभीर स्थिति है, आपातकाल से भी खराब।’

वहीं, पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी दो ट्वीट कर दावा किया कि राज्य सरकार के सहमति लिए बिना पश्चिम बंगाल के करीब-करीब सभी इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है। वहीं, आर्मी के पूर्वी कमांड ने बंगाल पुलिस के दावों का खंडन करते हुए ट्वीट किया कि आर्मी पश्चिम बंगाल पुलिस की पूरी जानकारी और उनके सहयोग से रुटीन एक्सरसाइज कर रही है। टोल प्लाजा पर आर्मी के कब्जे की आशंका गलत है। अगले ट्वीट में आर्मी ने बताया कि सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में रुटीन एक्सरसाइज हो रही है। इनमें असम के 18, अरुणाचल प्रदेश के 13, पश्चिम बंगाल के 19, मणिपुर के 6, नागालैंड के 5, मेघालय के 5, त्रिपुरा एवं मिजोरम के 1 स्थान शामिल हैं।

हर साल होती है एेसी कवायद
सेना ने कहा कि वह इस प्रकार की कवायद पूरे देश में सालाना तौर पर करती है। इस तीन दिवसीय अभ्यास का आज आखिरी दिन है। इसका मकसद यह होता है कि सेना को किसी आपात स्थिति में कितने वाहन उपलब्ध हो सकते हैं। रक्षा मंत्रालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया कि कुछ जगहों से जरूरी आंकड़े जुटा लिए गए हैं और आर्मी को वहां से हटने को कहा गया है। उन्हें कल दूसरी जगहों पर तैनात किया जाएगा।

डरने की कोई बात नहीं : सेना
सेना का कहना है कि इस कवायद से डरने की कोई बात नहीं है और यह सरकार के आदेश के मुताबिक होता है। ममता बनर्जी ने जानना चाहा था कि क्या यह संघीय व्यवस्था पर हमला है। उन्होंने कहा था कि अवसर मिलने पर इस मुद्दे को लेकर मैं राष्ट्रपति से बात करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सेना हमारी संपत्ति है। हमें उनपर गर्व है। हमें बड़ी अपदाओं और सांप्रदायिक तनाव के दौरान सेना की जरुरत होती है।’

उन्होंने कहा था ‘मैं नहीं जानती कि क्या हुआ है। यदि छद्म अभ्यास है, तब भी राज्य सरकार को सूचित किया जाता है।’ ममता ने दावा किया कि टोल प्लाजा पर सेना तैनात होने के कारण लोगों में अफरा-तफरी है। संपर्क करने पर एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सेना साल में दो बार देशभर में ऐसा अभ्यास करती है जिसका लक्ष्य सड़कों के भारवहन संबंधी आंकड़े एकत्र करना होता है। इससे मुश्किल घड़ी में सेना को उपलब्ध कराया जा सके। विंग कमांडर एस. एस. बिर्दी ने कहा, ‘इसमें चौंकाने वाला कुछ भी नहीं है, क्योंकि यह सरकारी आदेश के अनुसार होता है।’

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