नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में विपक्षी दल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदन में उपस्थित नहीं होने तथा कालेधन पर चर्चा कराने की मांग को लेकर गुरुवार को भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक को कई बार रोका गय। जब विपक्ष अपने मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ और हंगामा होता रहा तो राज्यसभा को भी कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा जैसे हालात लोकसभा के भी थे। इसी वजह से इसे पहले ही कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
सदन की बैठक शुरू होने और आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि विपक्षी दल के कामरोको प्रस्ताव पर कल से चर्चा चल रही थी और इस पर आज आगे भी चर्चा जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आठ नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा करने वाले कहाँ है। अगर वह यहाँ होते तो अच्छा होता। इसके बाद विपक्षी दल के सदस्य सदन के बीच में आ गये और हंगामा करने लगे।
उपस्भापति पी जे कुरियन ने कहा कि कामरोको प्रस्ताव पर कल चर्चा हुई थी और इस दौरन वित्त मंत्री अरुण जेटली उपस्थित थे। आज जब इस मुद्दे पर चर्चा होगी तो वित्त मंत्री उपस्थित रहेंगे लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को आज शाम विपक्ष के सवालों के जवाब देने के साथ-साथ सरकार का पक्ष भी रखना था, लेकिन कार्यवाही स्थगित हो जाने के कारण यह भी नहीं हो सका।
लोकसभा में भी यही हालात रहे। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। कल की तरह आज भी तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने संसद के परिसर में प्रदर्शन किया। दोबारा सदन की कार्रवाई जैसे ही शुरू हुई विपक्षी पार्टियों ने जम कर हंगामा किया। नोटबंदी पर सभी विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ लामबंद है। हंगामा इतना असरदार था कि कोई कार्य नहीं हो सका और लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।