उरी के बाद दुनिया ने भारत का साथ छोड़ा : शिवसेना
Published: Sep 26, 2016 11:08:00 pm
शिवसेना ने कहा कि ‘अमरीका के प्रिय राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पाकिस्तान
का नाम लिए बिना आतंकी हमले की निंदा की है, इसलिए यह भारत के लिए तमाचा
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मुंबई। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि भारत की दो साल की दुनियादारी निरर्थक साबित हुई, क्योंकि उरी हमले के बाद ऐसा लग रहा है जैसे पूरी दुनिया ने भारत का साथ छोड़ दिया है। शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, उरी के बाद कई देशों ने आतंकवाद की निंदा की, लेकिन एक भी देश भारत के साथ मजबूती से खड़ा नहीं हुआ। संपादकीय में कहा गया है कि विभिन्न देशों द्वारा हमले की निंदा को पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के दावे के साथ भाजपा समर्थकों ने भारत के साथ समर्थन के रूप में दर्शाया।
केंद्र में और महाराष्ट्र में भाजपा की एक सहयोगी शिवसेना ने कहा, ऐसे ही एक दावे में कहा गया था कि रूस ने संयुक्त सैन्याभ्यास न करके पाकिस्तान पर तमाचा जड़ा है, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया…असल में रूसी सेना पाकिस्तान पहुंच गई थी।
शिवसेना ने कहा, एक अन्य दावे में कहा गया था कि चीन पाकिस्तान से खफा है, लेकिन इसके विपरीत, चीन ने आश्वासन दिया था कि हमला होने की स्थिति में वह पाकिस्तान का साथ देगा…भारत के पुराने दोस्त रहे इंडोनेशिया ने भी पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने का आश्वासन दिया है…।
शिवसेना ने कहा कि ‘अमरीका के प्रिय राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकी हमले की निंदा की है, इसलिए यह भारत के लिए तमाचा है।’ शिवसेना ने कहा, 1971 के युद्ध में रूस भारत और (तत्कालीन प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी के साथ खड़ा था, लेकिन आज कोई भी ऐसी दोस्ती दर्शाता नहीं दिखाई दे रहा।
शिवसेना ने कहा, आप भले ही वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के बारे में ऊंची आवाज में चीख रहे हों, लेकिन अब डर यह है कि क्या भारत को दुनिया में अलग-थलग नहीं किया जा रहा। इस सब (समर्थन) ने पाकिस्तान का हौसला और बढ़ा दिया है और वह कह रहा है कि उरी हमला जम्मू एवं कश्मीर में हुए अत्याचारों का बदला है, इसलिए वह (पाकिस्तान) आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेता है।
शिवसेना ने कहा, इस सबके साथ, अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का सीना फूलकर 56 इंच का हो गया है, तो वह उनकी मर्दानगी नहीं, बल्कि ऐसे मामलों में भारत की कायरता है। शिवसेना ने कहा, हम यह कहने पर मजबूर हैं कि हमें किसी ऐसे की जरूरत है जो पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में सबक सिखा सके। देश खतरे में है…और देर मत करिए।