सरकार के लिए कांग्रेस विधायक तोड़ना चाहते थे केजरीवाल: भूषण
यादव ने कहाकि, जो भी मुद्दा उठाया जाता है उसे केजरीवाल से जोड़ दिया जाता है
yogendra yadav-prashant bhushan
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की अंदरूनी लड़ाई शुक्रवार को और गंभीर हो गई। योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहाकि हमे पार्टी छोड़ने को कहा गया। उन्होंने कहाकि, केजरीवाल के पास हमसे मिलने के लिए समय ही नहीं है। योगेन्द्र यादव ने कहाकि, पिछले एक महीने में बहुत कुछ टूटा है, विश्वास टूटा है और कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई है। पार्टी किसी एक शख्स की नहीं आंदोलन से खड़ी हुई है। देश को आप से बहुत उम्मीदे हैं।
उन्होंने कहाकि, यह कोई मुद्दा नहीं है कि प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव किसी कमिटी में रहे या नहीं हम तो केवल इतना चाहते हैं कि कार्यकर्ताओं की आवाज सुनी जाए। बड़े निर्णयों में उन्हें वोट देने का अधिकार दिया जाए। राज्य यूनिटों को कम से कम पंचायत और पालिका चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता तो दी जाए। यादव ने कहाकि, जो भी मुद्दा उठाया जाता है उसे केजरीवाल से जोड़ दिया जाता है। पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा यह मुद्दा हमारी ओर से उठाया ही नहीं गया। पार्टी की साइट से संविधान हटा दिया गया। सवाल है कि क्या आप भी देश की अन्य पार्टियों जैसी हो जाएगी या फिर बसपा जैसा क्षेत्रीय दल बन जाएगा।
प्रशांत भूषण ने कहाकि, अरविंद की तरफ से बार-बार जोर दिया जा रहा है कि या तो लोग इस्तीफा दे दें नहीं तो मैं अपने 67 विधायकों के साथ अलग पार्टी बना लूं। केजरीवाल 2014 में दोबारा सरकार बनाना चाहते थे और उन्होंने कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश भी की। हमारी पांच मांगों को मान लिया जाए तो हम इस्तीफा देने को तैयार है। मैंने केजरीवाल को एसएमएस भेजकर मिलने का समय मांगा लेकिन 11 दिन बाद भी मुझे कोई जवाब नहीं मिला। हर बात पर यही कहा जाता है आप राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दीजिए हम सब देख लेेगे।
भूषण ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहाकि, जब केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ जाने का विचार बनाया तो हमने इसका विरोध किया। उन्होंने कांग्रेस के उन छह विधायकों को तोड़ना चाहा जिन पर आप ने 4-4 करोड़ लेकर भाजपा का साथ देने का आरोप लगाया था। इस तरह के काम का विरोध किए जाने पर केजरीवाल ने कहाकि वे ऎसे किसी संगठन में रहे ही नहीं जहां उनका विरोध होता हो। केजरीवाल को लगता है कि अगर दिल्ली में आप ने सरकार नहीं बनाई तो देश में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।
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