प्रतापगढ़. यूपी बोर्ड परीक्षा से ठीक पहले शिक्षा माफियाओं पर नकेल कसने की कोशिश में शिक्षाधिकारी और शिक्षा माफियाओं में विवाद हो गया था। आखिरकार अधिकारियों के आगे मंत्री विधायक सांसद और ऊंची से ऊंची पहुंच का ढिढोरा पीटने वाले शिक्षा माफिया की अधिकारियों के आगे नहीं चली।
प्रतापगढ़ के बोर्ड परीक्षा समिति ने 344 परीक्षा केंद्रों पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी । परीक्षा केंद्र बनवाने के लिए कई लोगों ने नेताओं, मंत्रियों और विधायकों के लेटर पैड और फोन का सहारा लिया था । एक शिक्षा माफिया ने तो सारी हद पार करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को आपत्तिजनक गालियां भी दे डाली थी। जिसके लिए उसे जेल की हवा खानी पड़ी और अभी मुकदमों के जंजाल से भी गुजरना पड़ सकता है।
जनपदीय समिति ने पहले 345 परीक्षा केंद्रों की सूची प्रकाशित कर आपत्ति मांगी थी जिस पर भूमि भवन विवादित होने के कारण लालगंज तहसील के एक स्कूल को सूची से बाहर कर दिया गया था। शिक्षा विभाग और जिले के आला अधिकारियों पर परीक्षा केंद्रों को बनाये जाने को लेकर नेताओं समेत शिक्षा माफियों का भी जोरदार दबाव था किंतु अचानक गाली-गलौज की घटना ने अधिकारियों के जज्बातों को जगा दिया और किसी के दबाव व सिफारिस पर अन्य परीक्षा केंद्र न बनाने का अंतिम समय में निर्णय लेकर शिक्षा माफियों के पर को क़तर दिए।
सूत्रों की मानें तो जिले के आलाधिकारी से लेकर आम अधिकारी इस बार की बोर्ड परीक्षा में नकल माफियाओं के साथ ज्यादा से ज्यादा सख़्ती से पेश आने और सभी को सबक सिखाने की रणनीति तैयार करने की दिशा की तैयारी शुरू कर दिए हैं। वहीं अधिकारियो में जागे स्वाभिमान को लेकर नकल माफियाओं और शिक्षा माफियाओं के होश उड़ते नजर आ रहे है ।