प्रतापगढ़. कई दिनों की जोरदार बारिश के बाद बकुलाही नदी में बाढ़ आ गया है। जिसकी वजह से बकुलाही के तट पर बसे दर्जनों गांवों में किसानों की फसलें डूब गई हैं। ऐसे में यहां फसलें नष्ट होने से आशंकित किसान ईश्वर से विनती करते नजर आ रहे हैं।
तहसील क्षेत्र कुंडा के बीच से निकली बकुलाही नदी में हुई बारिश की वजह से बाढ़ आ गई है। नदी के किनारे बसे गांव में मसवन, सीरियल, सराय गोपाल, नंदापुर ,ढूंढवा ,स्वरूप पुर, मीरापुर ,बीचे का पुरवा, टिकरिया खुर्द, शुकुलपुर ,बीकमपुर, तिवारीपुर ,बलिया मऊ, जगतपुर, सुकई का पुरवा, वजीरपुर, नसरूपुर, रूप का पुरवा, ऐंधा, राजा का पुरवा, अंजनी पुल, फतूहाबाद, कनावां, टिकरिया बुजुर्ग ,रामगढ़, बनोगी, फूलपुर, बिहार, देवर पट्टी, टेकी पट्टी, रामदास पट्टी, बूढ़ेपुर, मुगलपुर, नेवादा समेत दर्जनों गांवों में खेत डूब चुके हैं।
उधर, नदी का जलस्तर अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। इससे किसान दुःखी हैं। क्षेत्र के किसान भोले सिंह राजेश कुमार, दिनेश कुमार, बबलू, सुरेंद्र कुमार, राजू सिंह विजय कुमार आदि का कहना है कि बाढ़ से किसानों की तबाही आ जाती है। मगर सरकार इसका मुआवजा भी नहीं देती है। इसलिए वे बेहद दुःखी हैं।
बकुलाही की बाढ़ में घर भी डूबे
बाघराय थाना क्षेत्र के बिहार बाजार सहित लगभग बीस गांव बकुलाही नदी की बाढ़ की जद में हैं।
बिहार बूढेपुर, गौरासिया, बंशियारा, अतरसुई, मुजेढी, सरायबबुइन, कनावा का पुरवा, भाव, काशीपुर, नारंगपुर देवरी महमदपुर भाव, तिवारीपुर, कमासिन, सिगारपुर, भीटी पूरे नैन, त्रिलोकपुर, मैधार, साहू का चरही, करैनी, पचमहुआ फकीर का पुरवा, कनाए मुगलपुर, आजादनगर, सरयीनाहर, पियरिया आदि गांवों में कई घर भी पानी की चपेट में आ गए हैं। धीरे-धीरे ये घर ढहने भी लगे हैं। आने वाले समय मे सरकार की तरफ से कोई राहत न मिल पाने से किसान और ग्रामीण बेहद दुःखी है। फिलहाल ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किसानों की सरकार कितना मदद कर पायेगी।