प्रतापगढ़. नोटबंदी के महीने भर बाद भी हालात में सुधार नहीं हुआ है। जिले में शहर से लेकर देहात तक बैंकों व डाकघरों में नकदी का संकट बरकरार है। गुरुवार को बैंक आफ इंडिया में कैश नहीं बंटा, जबकि कुछ बैंकों में सीमित भुगतान किया गया। उधर, शहर में खुले चुनिंदा एटीएम पर पैसा निकालने के लिए दिनभर लोग खड़े रहे। आठ नवंबर की रात प्रधानमंत्री द्वारा पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद से नकदी को लेकर हाहाकार मचा है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा था की कैश की दिक्कते जल्दी ही सही हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि मुसीबतें और बढ़ती जा रही हैं। यह माना जा रहा था कि कुछ दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे, लेकिन महीने भर बाद भी बैंकों में नकदी का संकट बना हुआ है। रिजर्व बैंक से पर्याप्त मात्रा में कैश बैंकों को नहीं मिल पा रहा है। स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में चेस्ट होने के बावजूद बीच-बीच में पैसे की कमी पड़ जा रही है।
कैश उपलब्ध होने पर खाताधारकों को 24 हजार रुपये तक भुगतान किया गया। मुख्य प्रबंधक स्वामी नाथ दुबे ने बताया कि लोगों की जरूरत के अनुसार पैसा दिया गया। भंगवा चुंगी के पास स्थित बैंक आफ इंडिया में कैश उपलब्ध नहीं था। वहां पूरे दिन किसी को भुगतान नहीं किया गया। प्रबंधक दिनेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को कैश बांटा जाएगा। बाबागंज स्थित इलाहाबाद बैंक में कैश की कमी के कारण दस हजार रुपये तक दिया गया। बैंक आफ महाराष्ट्रा में कैश न होने के कारण दोपहर 12 बजे तक किसी को भुगतान नहीं किया गया। कुछ पैसा जमा होने पर दोपहर 12 बजे के बाद चार-चार हजार रुपये दिया गया। प्रधान डाकघर में सुबह कैश न होने पर लोगों को पैसा नहीं मिला। दोपहर 12 बजे स्टेट बैंक से कैश मिलने पर एक बजे से भुगतान किया गया। अधीक्षक एसके पांडेय ने बताया कि 30 लाख रुपये मिले है। इससे प्रधान डाकघर में भुगतान किया जाए कि देहात के डाकघरों में भेजा जाए।