scriptप्रेग्नेंसी में बढ़ा रहा है हाईपरटेंशन, पढ़ें रिसर्च रिपोर्ट | Hypertension is increasing in pregnancy | Patrika News

प्रेग्नेंसी में बढ़ा रहा है हाईपरटेंशन, पढ़ें रिसर्च रिपोर्ट

Published: Aug 22, 2016 12:14:00 pm

पं.दीनदयाल उपाध्याय, गणगौरी हॉस्पिटल में हुआ रिसर्च, हर महीने करीब 4 हजार प्रेगनेंट होती हैं रजिस्टर्ड

exercise in pregnancy

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जयपुर। घर में नए मेहमान के आगमन की उम्मीद से घर भर में खुशियां छा जाती है। प्रेग्नेंट की डाइट और रेस्ट का खास ख्याल रखा जाता है। वहीं गायनेकोलॉजिस्ट उसके हेल्थ इश्यूज से चिंतित हो जाते हैं। पिछले कुछ समय से प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेगनेंट को हाइपरटेंशन की प्रॉब्लम अधिक होने लगी है। यह प्रॉब्लम सिक्स मंथ शुरू होने से डिलेवरी होने तक कभी भी हो सकती है। प्रेग्नेंसी में इसे हाई रिस्क पीरियड माना जाता है।

पं. दीनदयाल उपाध्याय, गणगौरी हॉस्पिटल में इसके लिए सीनियर गायनोकॉलॉजिस्ट डॉ. अनिता सिमलोत बताती हैं कि हॉस्पिटल में हर महीने करीब 4 हजार से अधिक प्रेगनेंट का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। जबकि करीब 600 डिलेवरी होती है। इनमें 10 से 15 पर्सेंट को हाइपरटेंशन की प्रॉब्लम हो रही है। हालांकि इनमें से 90 पर्सेंट महिलाएं डिलेवरी के बाद ठीक हो जाती हैं, लेकिन 10 पर्सेंट में यह बीमारी उम्रभर के लिए जकड़ लेती है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी चौथे महीने में भी यह प्रॉबल्म हो जाती है और मदर की लाइफ जोखिम में आ जाती है। मेडिकल साइंस इस बीमारी के होने के कारण खोज पाया है न इसका ट्रीटमेंट। फिर भी प्रेगनेंट होने पर रेगुलर चेकअप करवाया जाए, तो मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। नेक्सट प्रेग्नेंसी में दोबारा हाइपरटेंशन होने का 16 से 47 पर्सेंट चांस रहता है।

यह है लक्षण
वजन बढऩा, पैरों में सूजन, सिर दुखना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, आंखें के आगे अंधेरा छाना, घबराहट।

ये रहे अवेयर
थायराइड, मोटापे व डायबिटीज के पेशेंट, ट्वीन डिलेवरी, अधिक एज, स्टै्रस वाली महिलाओं को अवेयर रहना होगा।
 
यूं रखे ख्याल
वजन न बढऩे दें। लाइट एक्सरसाइज करें। प्रॉपर रेस्ट करें और नमक का प्रयोग कम करें।

सेल्फ चेकिंग

घर पर ही अपना ब्लड प्रेशर चेक करें। सामान्य तौर पर यह 130/80 रहता है। यदि 4-6 घंटे के अंतराल में 140/90 आए, तो हाइपरटेंशन है।
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