scriptप्रेग्नेंसी में भी लेते रहें अस्थमा की दवाइयां | Important things about Asthma during pregnancy | Patrika News

प्रेग्नेंसी में भी लेते रहें अस्थमा की दवाइयां

Published: May 04, 2015 10:22:00 am

लोगों में यह भ्रम है कि प्रेग्नेंसी के दौरान अन्य दवाइयों को बंद कर देना
चाहिए, लेकिन ऎसा गलत है

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अगर प्रेग्नेंसी के वक्त आपको अस्थमा की समस्या है तो इन बातों का रखें ख्याल-

गर्भावस्था में अस्थमा से बच्चे को कितना खतरा होता है?
अस्थमा से पीडित महिला यदि गर्भवती हो तो उसे हाइपोऑक्सिया यानी ऑक्सीजन की कमी हो सकती है जिससे बच्चे को भी ऑक्सीजन कम मिलता है। ऎसा होने पर बच्चे का विकास बाधित होता है और जन्म के समय उसका वजन भी काफी कम हो सकता है, इसे “इंट्रायूट्राइन ग्रोथ रिटारडेशन” कहते हैं।

अस्थमा होने पर गर्भवती का इलाज कैसे होता है?
लोगों में यह भ्रम है कि प्रेग्नेंसी के दौरान अन्य दवाइयों को बंद कर देना चाहिए, लेकिन ऎसा गलत है। अस्थमा होने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ और फिजिशियन की सलाह से दवाइयों का कोर्स चलने देना चाहिए वर्ना अस्थमा अटैक से महिला और गर्भस्थ शिशु की जान खतरे में पड़ सकती है।

प्रेग्नेंसी में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इस दौरान एलर्जी वाली चीजों से दूर रहें जैसे धूल, मिट्टी, सुंगध, दुर्गध या धुआं आदि। साथ ही ऎसी तली-भुनी, मसालेदार और गरिष्ठ चीजों से परहेज करें जिनसे एलर्जी हो। इस दौरान अस्थमा और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से महिला को संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है इसलिए भीड़-भाड़ व गंदे इलाकों में न जाएं।

क्या अस्थमा ग्रसित गर्भवती महिला ठंडी और खट्टी चीजें खा सकती है?

महिला को उन खाद्य पदार्थो से परहेज करना चाहिए जिससे उसे एलर्जी हो। साथ ही इस दौरान विशेषज्ञ जिन चीजों के लिए मना करें, उन्हें न खाएं।

इन्हेलर कितना प्रभावी?
प्रेग्नेंसी में पेट बढ़ने से डायफ्राम ऊपर चढ़ने लगता है और महिला को सांस लेने में तकलीफ होती है। ऎसे मेें दवाओं के अलावा इन्हेलर जरूरी होता है।
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