प्रेग्नेंसी में 3 तरह से होता रक्त पर असर
प्रेग्नेंट महिला को बुखार आने से बच्चे का विकास बाधित होता है और कई बार गर्भपात
भी हो सकता है
प्रेग्नेंसी में महिला को मलेरिया हो जाए तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है। इस रोग में महिला के रक्त में मुख्य 3 प्रकार के बदलाव होते हैं। रक्त की कमी (एनीमिया), खून के थक्के बनने में कमी और रक्त में प्लेटलेट्स घट जाना जिसे “थ्रोम्बोसाइटोपीनिया” कहते हैं।
प्रेग्नेंट महिला को बुखार आने से बच्चे का विकास बाधित होता है और कई बार गर्भपात भी हो सकता है। स्थिति गंभीर होने से महिला को दौरे भी आ सकते हैं। लक्षण दिखने पर डॉक्टर फौरन पीबीएफ व मलेरिया एंटीजन टेस्ट करवाते हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर विशेषज्ञ नियमित उपचार के अलावा मलेरिया का इलाज भी करते हैं।
ध्यान रहें ये बातें
महिला को पूरी तरह से आराम करना चाहिए। दिन में दो घंटे व रात में आठ घंटे की नींद लें। ऎसी जगहों पर जाने से बचें जहां मच्छरों का प्रकोप हो। दवाओं के साथ-साथ गर्भवती को रक्त की पूर्ति के लिए आयरन, प्रोटीन और दूध से बनी चीजें खाने के लिए कहा जाता है।
डॉ. शालू कक्कड़, स्त्री रोग विशेषज्ञ
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