रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनियों को भारी नुकसान
Published: Sep 04, 2015 10:29:00 pm
रियल एस्टेट
मार्केट में लगातार मंदी के चलते पिछले दशक के दौरान दिग्गज कंपनियों
को भारी नुकसान
नई दिल्ली। रियल एस्टेट मार्केट में लगातार मंदी के चलते पिछले दशक के दौरान इस क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। रूपए में देश की शीर्ष 12 रियल एस्टेट कंपनियों की एकीकृत शुद्ध हैसियत में दिसंबर 2007 के बाद करीब 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जबकि डॉलर में उनकी हैसियत में 95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों का कहना है कि रियल एस्टेट कीमतों में आगे और गिरावट होने के आसार हैं जिससे बिल्डरों पर दबाव बरकरार रह सकता है।
टॉप बिल्डरों की संयुक्त शुद्ध हैसियत घटकर अब 24,000 करोड़ रूपए (3.8 अरब डॉलर) रह गई है जो दिसंबर 2007 के अंत में 2.79 लाख करोड़ रूपए (70 अरब डॉलर) थी। शीर्ष बिल्डरों की इस सूची में डीएलएफ के केपी सिंह, यूनिटेक के चंद्रा परिवार और एचडीआईएल के वधावन परिवार शामिल हैं।
यह विश्लेषण दिसंबर 2007 में रियल एस्टेट कंपनियों के बाजार पूंजीकरण और प्रवर्तकों की हिस्सेदारी पर आधारित है। दिसंबर 2007 में बाजार खासकर बीएसीई रियल्टी सूचकांक अपने चरम पर था। उसके बाद से ही बीएसई रियल्टी में गिरावट का रूख रहा। जबकि मार्च 2009 से नवंबर 2010 और सितंबर 2013 से अगस्त 2015 के दौरान रियल्टी सूचकांक में तेजी रही।