script

दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने के मामले में टॉप पर हैं भारतीय

Published: Nov 01, 2015 12:30:00 pm

विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदने की बात करे तो दुबई में भारतीय टॉप पर हैं जिन्होंने सिर्फ पिछले साल 30,000 करोड़ रूपए से ज्यादा खर्च किए हैं

real estate

real estate

दुबई। विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदने की बात करे तो दुबई में भारतीय टॉप पर हैं जिन्होंने सिर्फ पिछले साल 30,000 करोड़ रूपए से ज्यादा खर्च किए हैं। दुबई भूमि विभाग के मुताबिक, 2014 में गैर अरब प्रॉपर्टी निवेशकों ने करीब 1 लाख करोड़ रूपए का निवेश किया है जिसमें भारती निवेशकों का हिस्सा एक चौथाई से ज्यादा है। इस साल के पहले हाफ में भारतीय निवेशकों ने 13,000 करोड़ रूपए से ज्यादा के 3,017 ट्रांजैक्शन के साथ सर्वाधिक निवेश करने वाले विदेशी निवेशक रहे। विभाग ने कहा कि इसी अवधि में अलग-अलग देशों के निवेशकों ने 42,400 करोड़ रूपए से ज्यादा निवेश किया है। इस सप्ताह दुबई के अग्रणी डिवेलपर्स अमीरात रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए भारतीयों को आकर्षित करने के लिए मुंबई आएंगे। मुंबई में होने जा रही प्रॉपर्टी प्रदर्शनी का ऎसे समय में आयोजन हो रहा है, जब दुबई के प्रॉपर्टी मार्केट में मूल्यों में पिछले साल के दौरान 12.2 फीसदी की भारी गिरावट आई है जो दुनिया भर में सबसे बड़ी गिरावट है। यह जानकारी रीयल एस्टेट कंसल्टेंसी नाइट फै्रंक ने दी।

पहले दुबई के प्रॉपर्टी मार्केट में निवेश करने वालों में रूस सबसे आगे था लेकिन 2008 के वित्तीय संकट के बाद दुबई रूसी निवेशकों की दिलचस्पी का केंद्र नहीं रहा। दुबई की कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के बड़े नाम भारतीय खरीदारों को उन कीमतों पर अपार्टमेंट और विला खरीदने के लिए आकर्षित कर रहे हैं जिनके बारे में उनका दावा है कि मुंबई की तुलना में बहुत सस्ता है। नाइट फ्रैंक के अधिकारी ने बताया कि बीते सालों में दुबई में भारतीय रियल एस्टेट निवेश के अनुपात में गिरावट आई है।

उन्होंने बताया, “2015 के पहले हाफ में दुबई में भारतीय खरीदारों ने प्रॉपर्टी पर 15 फीसदी खर्च किए जो 2014 के पहले हाफ में 25 फीसदी था। इसका सबसे बड़ा कारण यूएस डॉलर की मजबूती है जिस कारण अमीरात में निवेश करना अब महंगा हो गया है।” दुबई भूमि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2015 के पहले हाफ में कुल रियल एस्टेट निवेश का 78 फीसदी विदेशी थी। इनमें से इस साल के जनवरी और जून के बीच में रियल एस्टेट में हुए कुल निवेश का भारतीय 15 फीसदी, ब्रिटिश 9 फीसदी और पाकिस्तानी 6 फीसदी थे।

ट्रेंडिंग वीडियो