ट्रस्ट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि दरगाह में सूफी संत की कब्र तक महिलाओं को जाने से रोका जा रहा था।
मुंबई। मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं के दाखिल होने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। आज दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो इस बारे में हाई कोर्ट का आदेश मानने को तैयार है। ट्रस्ट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि दरगाह में सूफी संत की कब्र तक महिलाओं को जाने से रोका जा रहा था। चार साल पहले आई कुछ दिक्कतों की वजह से ऐसा किया गया।
अब दरगाह ट्रस्ट महिलाओं के लिए अलग से रास्ता बनाने को तैयार है। दरगाह ट्रस्ट के वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम ने कहा कि नया रास्ता ट्रेजरी बॉक्स की तरफ से बनाया जाएगा। उस तरफ से दाखिल होने में बाधा बनने वाले एक दरवाजे को हटाया जाएगा। इसके लिए 2 हफ्ते का समय लगेगा। विदित हो कि पीर हाजी अली शाह बुखारी की इस प्रसिद्ध दरगाह में महिलाओं के भीतर तक दाखिल होने पर पाबंदी थी। 26 अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस पाबंदी को हटाने का आदेश दिया था। इस आदेश को दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन अब ट्रस्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को मानने की बात कही है।
…तो फिर खटखटा सकते हैं दरवाजा
उनके बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने कहा कि इसका मतलब ये है कि आप हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने को तैयार हैं। हम इसके लिए आपको चार हफ्ते का समय देते हैं। दरगाह में दाखिल करने के लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं की तरफ से मौजूद एक वकील ने ट्रस्ट की नीयत पर शक जताया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले को आगे सुनना गैरजरूरी बताया। कोर्ट ने कहा कि चार हफ्ते बाद होने वाले बंदोबस्त से अगर उन्हें कुछ परेशानी लगे तो वो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं।