आस्ट्रेलिया ने तीसरे टेस्ट मैच में भारत को पेनाल्टी शूटआउट के आधार पर 3-2 से हराते हुए तीन मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली।
आस्ट्रेलिया ने सोमवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारत को पेनाल्टी शूटआउट के आधार पर 3-2 से हराते हुए तीन मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली।
निर्धारित समय की समाप्ति तक भारत ने यह मैच 3-2 से जीत कर सीरीज को बराबर कर दिया था पर दोनों टीमों के सीरीज में छह-छह गोल और एक-एक मैच जीतने के कारण सीरीज के विजेता का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से हुआ।
दोनों टीमों के बीच राजनांदगांव में 19 नवम्बर को खेला गया पहला मुकाबला
2-2 की बराबरी पर छूटा था। इसके बाद रायपुर में खेला गया दूसरा मुकाबला
आस्ट्रेलिया ने 2-1 से जीता था।
मैच के शुरुआत में ही भारत ने पहले पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलते हुए बढ़त हासिल की थी। भारत के लिए यह गोल वीआर रघुनाथ ने 17वें मिनट में किया था। इसके बाद 36वें मिनट में ट्रेंट मिटन ने एक बेहतरीन फील्ड गोल करते हुए अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया।
मैच का तीसरा और भारत का दूसरा गोल रुपिंदर पाल सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर किया। इसके साथ भारत ने बढ़त बनाई। यह गोल 41वें मिनट में हुआ। लेकिन ट्रेंट मिटन ने एक बार फिर 54वें मिनट में फील्ड गोल किया और अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया।
अगर मैच बराबरी पर समाप्त हो जाता तो आस्ट्रेलिया यह सीरीज 1-0 से जीत लेता क्योंकि उसने रायपुर में खेले गए दूसरे मैच में जीत हासिल की थी। भारत को शायद यह मंजूर नहीं था। उसने अपने हमले तेज कर दिए।
भारतीय खिलाड़ियों ने गजब का खेल दिखाया और इसी प्रयास में आकाशदीप सिंह ने अंतिम मिनट में एक बेहतरीन गोल कर अपनी टीम को 3-2 से जीत दिला दी लेकिन सीरीज का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से हुआ
भारत की ओर से शूटआउट के दौरान जो दो गोल हुए उनमें से एक पेनाल्टी स्ट्रोक पर हुआ लेकिन धर्मवीर सिंह द्वारा हासिल दूसरे पेनाल्टी स्ट्रोक पर रघुनाथ गोल नहीं कर सके। अगर रघुनाथ यह गोल कर लेते तो फिर दोनों टीमों को एक-एक मौका और मिलता और ऐसी स्थिति में कुछ भी हो सकता था।
खास बात यह है कि राजनांदगांव और रायपुर में हुए पहले मैच में भारतीय टीम एक समय बढ़त लिए हुए थी लेकिन अंतिम समय में उसके लचर प्रदर्शन के कारण आस्ट्रेलिया ने पहला मैच ड्रॉ किया और दूसरा मैच जीत लिया।
यह सीरीज दोनों टीमों के लिए काफी अहम थी। यहां 27 नवम्बर से होने वाले हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) से पहले दोनों को तैयारी का जायजा लेने का मौका मिला और साथ ही रायपुर के माहौल में ढलने में सफलता मिली।
आस्ट्रेलिया ने सीरीज से बहुत कुछ सीखा है क्योंकि इससे पहले कभी भी भारतीय टीम ने उनको इतनी कड़ी टक्कर नहीं दी थी।
एचडब्ल्यूएल में भारत और आस्ट्रेलिया सहित कुल 8 टीमें हिस्सा लेंगी। लीग के पहले संस्करण का खिताब आस्ट्रेलिया ने जीता था। पहले संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में हुआ था।