अराजक तत्वों पर ड्रोन कैमरे व सी. सी. टी. वी. कैमरे की भी थी पैनी नजर ।
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रायबरेली। जिले में सुबह 6 बजे से ही प्रशासन ने पूरे कस्बे में अपने जवान और अधिकारियों की तैनाती कर दी। नगर पंचायत आने वाले हर रास्ते को जिलाधिकारी महोदय के आदेशाअनुसार बन्द कर दिया गया था। सुबह 8 बजे से काशी नगरी से आये हुए 5 ब्राह्मणों और 6 अन्य लोगों के साथ प्रतिमा को 1 पिकअप गाड़ी के साथ सबसे पहले पूरे काज़ी के शिव मंदिर से प्रतिमा निकाली उसके बाद जिल्ला बाजार, बाराती लाल मंदिर, जूनियर हाई स्कूल के पास स्थित मंदिर से होते हुए शुक्लाना परमानंद मंदिर, महावीरन, राम सागर मंदिर, से होते हुए माता मिढुरिन देवी मंदिर, कटरा बाजार, ओरी लाल मन्दिर, राधेश्याम सेठ मंदिर, शीतल प्रसाद पंडा के मंदिर से होते हुए मेन चौराहे पे पहुंच के काशी से आए राजगुरु मठ के पीठाधीश्वर ने प्रतिमा की स्थापना कराई।
इस मौके पे यजमान रमेश कौशल, विनोद कौशल, बंसी लाल कौशल, राजू सिंह, सी पी श्रीवास्तव, गुलाब चंद्र वैश्य, अजीत सिंह, कमल चंद्र सहित काफी लोग मौजूद रहे। इसी बीच प्रशासन को बाबूगंज सगरा के मौनी महाराज बाबा के आने की खबर लगी जिससे प्रशासन के हाथ पैर फूल गए आनन-फानन में एस.डी.एम. डलमऊ प्रदीप वर्मा अपने कुछ अधिकारियों के साथ जायस रोड पे डीह थाना के बॉर्डर पे स्थित हौदहा तालाब के पास उनको रोक लिया और उनको वहीं से वापस भेज दिया। मौनी बाबा ने बताया कि अगर हमको प्रशासन पहले ही बता देता की मुझे मंदिर तक नही जाने दिया जायेगा तो मैं आता ही नही, उन्होंने कहा कि मैं हाई कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान करता हूँ।
रायबरेली गौरतलब हो कि नगर पंचायत परसदेपुर के मुख्य चौराहे के पास रमेश कौशल के घर के पास बने शिव मंदिर मे 21 मार्च सन 2010 को शिव लिंग स्थापना के लिए शिव बारात निकाली गई थी। पूरे काजी से जैसे ही बारात अन्सार गली में पहुंची थी कि कुछ अराजक तत्वों ने सगीर बेदिल के घर के पास शिव बारात पर धावा बोल दिया और कई लोग घायल हो गए थे। चेयरमैन प्रत्याशी विनोद कौशल ने सन् 2013 मे न्यायालय की शरण ली थी, जहां उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्रशासन द्वारा शिवलिंग स्थापना कराये जाने का आदेश पारित कर दिया।
प्रशासन ने कर रखी थी पूरी तैयारी
परसदेपुर रायबरेली पुलिस प्रशासन ने नगर पंचायत परसदेपुर के आने के सभी रास्ते किये थे सील। बूटो की धमक व झगड़े की दहशत से दुकानदारों ने नहीं खोली दुकाने।
मौनी बाबा किये गये कैद
नगर पंचायत परसदेपुर के आने जाने वाले सभी रास्ते पर बैरियर लगाये गये थे। पुलिस ने नगर के अन्दर किसी को घुसने नहीं दिया।बाबूगंज सगरा के मौनी बाबा जैसे ही परशदेपुर की सीमा में घुस रहे थे, पुलिस ने पकड़ लिया और बाइज्जत उनके आश्रम में ले जाकर नजर बन्द कर दिया। पुलिस के बूटो की धमक व दहशत से कोई भी दुकानदार दुकान खोलने की हिम्मत नहीं कर सका। जब दुकान दारों को पता चला कि शिव बारात सकुशल सम्पन्न हो गई है तो शाम तक कुछ दुकान दारो ने हिम्मत करके दुकान खोली। पुलिस प्रशासन अभी भी जगह जगह तैनात किये गए हैं। प्रशासन कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहता है। प्रशासन का मकसद परसदेपुर में अमन-चैन किसी भी कीमत पर कायम रखना है।
जिलाधिकारी और एस.पी.शिव हरि मीणा ने पूरी सुरक्षा व्ववस्था की कमान अपने हाथों में ले रखी थी। सुबह 6 बजे से ही सारे अधिकारी और कर्मचारी अपनी ड्यूटी पे लग गये थे। दोनों बड़े अधिकारी सुबह-सुबह ही परशदेपुर पहुच गएे थे। दोनों अधिकारियों ने पूरी सुरक्षा व्ववस्था का जायज़ा लिया। कस्बे में आने वाले हर रास्ते को सील कर दिया गया था सिर्फ ज़रूरत मंदो और पत्रकारों को आने जाने दिया जा रहा था।
सुरक्षा का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि ज़िले के सभी बड़े अधिकारियों, डी.एम. अभय सिंह, एस पी शिव हरि मीणा, ए.एस.पी. शशि शेखर सिंह, ए.डी.एम. तिलक धारी, एस डी एम सलोन श्रीराम सचान, सलोन सी ओ चरण सिंह, एस ओ डीह शिवशंकर गुप्ता, सलोन कोतवाली प्रभारी जी डी शुक्ला, अधिशासी अधिकारी पवन किशोर, कानून गो सहित 5 सी ओ, 16 एस ओ, 16 दरोगा, 59 सिपाही, 18 महिला कांस्टेबल, 2 फायर सर्विस, 1 कंपनी पी ए सी, इसके अलावा हरदोई, सीतापुर, उन्नाव जनपद की भी फोर्स सुरक्षा में मौजूद थी। इसके अलावा आई.बी. तथा एल.ई.यू. प्रभारी आर.पी. शुक्ला भी अपनी टीम अरुण कुमार, उधव सिंह, पवन कुशवाहा सहित आधा दर्जन अधिकारियों के साथ कस्बे में डेरा डाले हुए थे।