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बाबा फेस पढ़ता था, जब कोर्ट में पेश हुआ तो मैंने पूछा अपना फेस पढ़ा – डीजे

locationरायगढ़Published: Oct 27, 2016 12:40:00 pm

इसके बाद उसे सजा भी सुनाई गई। जिला सत्र न्यायाधीश तिगाला ने अपने संबोधन
में कहा कि जिले के जिन ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास अधिक देखा जाता है।

I asked if read in court

Baba face was studying my face when I asked if read in court

रायगढ़. जिले में अंधविश्वास के फैलते मकडज़ाल और उसमें लगातार फंस रहे लोगों को बचाने के लिए पुलिस की ओर से अंधविश्वास के खिलाफ अभियान का आरंभ किया गया है। बुधवार को जिले में बाबाओं के चमत्कारों की पोल खोलने के लिए शहर के पालिटेक्निक आडिटोरियम में एक वर्कशॉप काआयोजन किया गया। जहां इन चमत्कारों की जमकर बखिया उधेड़ी गई और लोगों को नसीहत दी गई ये आप भी कर सकते हैं, सावधान रहें।

स्थानीय पॉलटेक्निक आडिटोरियम में सुबह करीब 11 बजे अंधविश्वास निर्मूलन का कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसमें कार्यक्रम के दौरान अतिथि जिला सत्र न्यायाधीश एनडी तिगाला ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अंधविश्वास के चक्कर में आज कई लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जब वे रायपुर में पदस्थ थे, तब पुरानी बस्ती में एक बाबा को पकड़ा गया था और वह बाबा फेस रिडिंग करता था। ऐेसे में जब उसके खिलाफ अपराध कायम हुआ है न्यायालय में पेश किया गया, तो मैंने उनसे ये सवाल किया गया कि क्या आज सुबह आपने आईना देखकर अपना फेस की रिडिंग की थी क्या, इस पर बाबा खामोश हो गया, फिर मैंने कहा जब अपने भविष्य का पता नहीं तो दूसरे का कैसे बता देतो हो। इसके बाद उसे सजा भी सुनाई गई। जिला सत्र न्यायाधीश तिगाला ने अपने संबोधन में कहा कि जिले के जिन ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास अधिक देखा जाता है। वैसे जगह को चिन्हित किया जाए और वहां भी अंधविश्वास को दूर करने का प्रयास किया जाए।

सांप काटे तो इलाज करवाएं- विधायक

मुख्य अतिथि विधायक रोशल लाल अग्रवाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस विभाग के द्वारा आयोजित किया गया, यह कार्यशाला अंधविश्वास रोकने के लिए वरदान साबित होगा। लैलूंगा, धरमजयगढ़ व आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में काफी मात्रा में सांप हैं और जब कोई सर्पदंश का शिकार हो जाता है, तो वह अस्पताल में इलाज कराने के बजाए झाड़ फूंक का सहारा लेता है। इस प्रकार सही समय पर इलाज के अभाव में उसकी मौत हो जाती है। यही अंधविश्वास है और अंधविश्वास के चक्कर में कोई नहीं पड़े। एक ऐसा ही मामला भगवानपुर में भी पूर्व में देखा गया था।

यह सामाजिक तौर पर बड़ी समस्या- कलक्टर

वहीं कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि कलेक्टर अलेरमेल मंगईडी ने भी इस दौरान कहा कि अंधविश्वास सामाजिक तौर पर भी बड़ी समस्या है। जनदर्शन में भी टोनही व अन्य अंधविश्वास से जुड़े कई मामले आते हैं। लोगों को अपने अंदर बदलाव लाना जरूरी है और लोग अगर पूरी तरह से शिक्षित होंगे, तो इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी।
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