रायगढ़. राशन दुकान से राशन उन लोगों के नाम पर जारी कर दिया गया है जिनकी काफी पहले ही मौत हो चुकी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर मुर्दों ने राशन कैसे उठा लिया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की तो जांच के लिए खाद्य विभाग की टीम गांव पहुंच गई।
सारंगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरभांठा ब में मृत व्यक्तियों के नाम से राशन जारी कर दिया गया। मामले ने तूल पकड़ लिया और इसकी श्किाायत कलक्टरर से कर दी गई है। ऐसे में इसकी जांच शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत बरभांठा ब विकासखण्ड सारंगढ़ जिला रायगढ़ के शासकीय उचित मूल्य की दुकान का संचालन दुर्गा महिला स्व सहायता समूह रामपुर द्वारा किया जा रहा है।
जिसके संचालनकत्र्ता द्वारा मृत राशनकार्ड धारियों के नाम से राशन वितरण किया जा रहा है,और गांव से बाहर कमाने गये व्यक्तियों के नाम पर भी राशन जारी किया जा रहा है।
गांव से बाहर कमाने गये व्यक्तियों के नाम पर बेजा लाभ अर्जित करने के सम्बन्ध में शिकायत ग्रामवासियों 19 जुलाई को कलेक्टर के समक्ष आवेदन दिया गया था। कलेक्टर ने सम्बंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सारंगढ़ आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गए थे
जिसके आधार पर एसडीएम द्वारा खाद्य निरीक्षक को 15 दिवस के भीतर जाँच करने को कहा गया था। ऐसे में सारंगढ़ खाद्य निरीक्षक रवि राज 21 जुलाई को ग्राम बरभांठा पहुंच कर शिकायत की जांच की और ग्रामीणों से एक-एक कर बयान दर्ज कराए।
जिसमे ग्रामीण झाड़ूराम,
कन्हैया, संजय, अजय, प्रेमलाल, रामेश्वर प्रसाद भारती, फिरतु, बुधेस्वर प्रसाद चन्द्रा द्वारा बयान दर्ज करवाया गया है कि मृत व्यक्तियों के नाम पर राशन सामग्री वितरण किया जा रहा है।
वहीं राशन कार्ड धारी मृतक नोनिबाई पति चैतराम, पुनिमति एवं कार्तिक राम इन तीनो की मृत्यु साल भर पूर्व हो चुकी है उसके बावजूद भी इस समूह द्वारा राशनकाडों से खाद्य समाग्री एवं फर्जी बिल बताकर इस समूह द्वारा लाभ लिया जा रहा है।
गए परदेश, पर इनके नाम पर राशन जारी– जाचं के दौरान ग्रामीणों की ओर से यह बयान भी दर्ज करवाया गया कि गांव के कुछ लोग कमाने के लिए बाहर गए हुए हैं इसके बावजूद इनके राशनकार्ड से राशन सामग्री ली जा रही है।
जिसमें राजेश पिता ठंडाराम जो बाहर कमाने खाने चला गया है उसके परिवार कोई भी व्यक्ति पिछले एक वर्ष से गांव घर में नही है तथापि उसके नाम से वितरण बताकर काला बाजारी कर बेजा लाभ लिया जा रहा है, वहीं बालेश्वर भी एक वर्ष से गांव में नहीं है उसके नाम से भी वितरण किया जा रहा है।
किया गय सत्यापन– खाद्य निरीक्षक ने मौके पर भौतिक सत्यापन भी किया जिसमें मिट्टी तेल में भारी अंतर आया है। जिससे साफ जाहिर है
कि उक्त दुकान संचालक के द्वारा गरीब लोगों के राशन समान पर किस तरह से डाका डाला जा रहा पुरे गांव के ग्रामीणों के यही शिकायत थी की संचालक 2 लीटर के बजाय 1 लीटर मिट्टी तेल का वितरण करता है और शिकायतकर्ता ने यह भी बतलाया की
हमारे परिवार के सदस्य की मृत्यु हो गई तो फिर राशन लेने कौन आया था। जबकि ऑनलाइन जानकारी शिकायतकर्ता ने निकाल रखी थी जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।