इस मशीन की सहायता से न बोल पाने वाले लोग अब अपनी आवाज सबके पास पहुंचा सकेंगे
Published: Nov 26, 2015 12:29:00 pm
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जो लोग बोल नही सकते हैं उनकी एकमात्र भाषा होती है संकेत। मतलब ऐसे लोग सिर्फ इशारों में बाते कर सकते हैं। लेकिन उनकी इस समस्या का भी हल ढूंढ लिया गया है।
जो लोग बोल नही सकते हैं उनकी एकमात्र भाषा होती है संकेत। मतलब ऐसे लोग सिर्फ इशारों में बाते कर सकते हैं। लेकिन उनकी इस समस्या का भी हल ढूंढ लिया गया है।
टेक्सास की ए एंड एम यूनिवर्सिटी के रिसर्च करने वालों ने एक ऐसा आर्म बैंड बनाया है जिसे अपनी बांह में पहनने से यह हाथों की हलचल और संकेतों को भाषा में बदल देगा। इस आर्म बैंड में कई सेंसर लगे हैं जो दुनिया के उन 7 करोड़ मूक लोगों की सहायता करने में मददगार साबित होंगे।
ये बैंड सबसे पहले हाथों के संकेत को साफ्टवेयर में भेजता हैं। वहां पहले से शब्द होते हैं जो संकेतों को ब्लूटूथ के मार्फत शब्दों में बदल देते हैं और इसे फोन या कम्यूटर में भेज देता है।
बैंड में इलेक्ट्रोमायोग्राफ लगा है जो मांसपेशियों की कोशिकाओं में हलचल होने पर उन्हें इलेक्ट्रिक संकेतों में बदल देता है। जो सेंसर कैच कर आगे प्रेषित कर देता है।
यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर रोजबेह जाफरी ने कहा कि हम मांसपेशियों की हरकत को भुजा के मार्फत पकड़ते हैं और इसे डिकोड कर लेते हैं। इनमें से कुछ अंगुलियों के मार्फत आते हैं।
हर आदमी संकेत देने के लिए एक जैसी हरकत नहीं करता। इससे उसे डिकोड करना कठिन होता है। रियल टाइम में संकेतों को शब्दों में बदलना कठिन है इसके लिए बहुत परिष्कृत एल्गोरिदम जरुरी है।
पहली बार में यह पूरी तरह सही नहीं होता। बार बार उपयोग करने पर सही होने लगता है। आगे क्या टीम इसे हाथ में घड़ी की तरह पहने जाने योग्य बनाना चाहती है जो सभी हलचल को पहचान सके।