ऑपरेशन के बाद गर्भवती महिला की मौत, परिजनों का हंगामा
रायपुरPublished: Mar 30, 2015 09:43:00 pm
गर्भवती महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने सोमवार को रामकृष्ण केयर अस्पताल में हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर महिला की बच्चेदानी निकालने का आरोप लगाया है।
रायपुर. राजनांदगांव की रहने वाली संगीता सिन्हा की मौत सोमवार को राजधानी के निजी अस्पताल में पहुंचने के दौरान ही हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही और महिला का गर्भाशय निकाल लिए जाने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। साथ ही पुलिस में दुर्ग के निजी अस्पताल के खिलाफ शिकायत भी की।
क्या है मामला
टिकरापारा थाने में शिकायत में महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि निजी अस्पतालों में इलाज को लेकर मनमानी हो रही है। महिला गर्भवती थी और उसे दुर्ग के अग्रवाल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। रविवार को महिला भर्ती हुई और शाम को सीजेरियन डिलीवरी हुई। डिलीवरी के कुछ समय बाद से ही महिला की हालत बिगडऩे लगी। जिसके बाद डाक्टरों ने रक्त स्त्राव रोकने के लिए महिला का गर्भाशय निकाले जाने को जरूरी बताते हुए महिला का ऑपरेशन किया।
हालत बिगड़ने पर किया रेफर
दो दिन तक महिला ठीक रही और रक्त स्त्राव भी नहीं हुआ। दो दिन के बाद पुन: रक्त स्त्राव शुरू हो गया जिसके बाद डाक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे राजधानी के रामकृष्ण केयर अस्पताल ले जाने की सलाह दी। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में उसका गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था। जिसकी गड़बड़ी के कारण ही उसकी स्थिति बिगडऩे लगी थी। जिसके बाद ही डाक्टरों ने उसे राजधानी के अस्पताल में रेफर कर दिया।
सोमवार को अल सुबह महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि महिला के इलाज में डाक्टरों ने कोताही बरती जबकि महिला अस्पताल पहुंचने के पूर्व अच्छी खासी थी। परंतु अस्पताल में समुचित इलाज नहीं मिलने की वजह से महिला कि मौत हो गई। हंगामे के बाद परिवार के लोग टिकरापारा थाने पहुंच गए और अस्पताल के खिलाफ इलाज में लापवाही की शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच महिला के शव का पंचनामा तैयार कराया और अम्बेडकर में उसका महिला का पोस्टमार्टम हुआ। हालांकि जन्में बच्चे की हालत ठीक है।
रक्तस्राव के कारण बच्चेदानी निकालनी पड़ी
दुर्ग के अग्रवाल नर्सिंग होम के प्रमुख डॉ.श्रीकृष्ण अग्रवाल ने बताया कि कि परिजनों का आरोप गलत है। महिला 22 मार्च को उनके नर्सिंग होम पहुंची थी। उसी दिन शाम को महिला का सिजेरियन आपरेशन कर डिलीवरी हुई। महिला की यह दूसरी डिलीवरी थी। महिला को 3 साल का बच्चा भी है। पोस्टपार्टम हेमरेज (अत्याधिक रक्तस्त्राव) की वजह से हमने महिला का बच्चेदानी निकालनी पड़ी। उसके दो दिनों तक रक्तस्त्राव बंद हो गया था। लेकिन फिर से रक्तस्त्राव होने लगा। जिसकी वजह से हमने राजधानी के निजी अस्पताल में रेफर किया।
अस्पताल पहुंचने से पहले हुई मौत
राजधानी के निजी नर्सिंग होम के संचालक डॉ. संदीप दवे ने बताया कि महिला की अस्पताल पहुंचने के पहले ही मौत हो गई थी