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पोलावरम पर दिग्गी का समर्थन जोगी को नहीं आया रास, कहा – मांगें माफी

locationरायपुरPublished: Sep 21, 2016 06:47:00 pm

मरवाही विधायक अमित जोगी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हैदराबाद
में दिए गए उस बयान की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने पोलावरम बांध
निर्माण का समर्थन किया है।

Polavaram project

Amit Jogi opposes Diggi support to Polavaram

रायपुर. मरवाही विधायक अमित जोगी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हैदराबाद में दिए गए उस बयान की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने पोलावरम बांध निर्माण का समर्थन किया है। अमित जोगी ने कहा कि बस्तर के 45 हजार लोगों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है, प्रभावित लोगों की नींदें उड़ी हुई हैं और दिग्विजय सिंह असंवेदनशीलता बयानबाजी कर रहे हैं। यह उनकी छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता का परिचायक है।

इस बयान में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि आंध्र पुनर्गठन अधिनियम एक्ट 2014 के तहत केंद्र सरकार पोलावरम बांध निर्माण के लिए बाध्य है इसलिए इसके निर्माण की जिम्मेदारी भी उसे ही लेनी चाहिए और जल्द से जल्द बांध का निर्माण पूरा किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़-ओडिशा की सीमा मलकानगिरी में 20 सितम्बर को हुए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) और बीजू जनता दल के संयुक्त विरोध प्रदर्शन के बाद हैदराबाद में दिग्विजय सिंह ने पोलावरम के समर्थन में उपरोक्त बयान दिया।

अमित जोगी ने कहा कि दिग्विजय सिंह की मानसिकता सदैव से छत्तीसगढ़ विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि कन्हेर बांध का निर्माण का शिलान्यास भले ही 1976 में हुआ हो लेकिन इसके लिए एक सहमति अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 17 मार्च 1999 को दी गई थी, तब दिग्विजय सिंह ही मुख्यमंत्री थे। 1999 के इस पत्र का उल्लेख मई 2015 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उत्तर प्रदेश शासन को भेजे गए पत्र में किया गया है। तब कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने यह जानते बूझते हुए कि इस बांध से छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का 30 फीसदी हिस्सा डूबान में आएगा, फिर भी बिना कोई विरोध के, बिना छत्तीसगढ़ का हित देखे, परियोजना को सहमति दे दी थी।

सीएम रमन पर साधा निशाना
इस मुद्दे पर जोगी ने रमन सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि यही गलती 2010 में रमन सरकार ने सहमति देकर की। यह इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी और उनके नेता छत्तीसगढ़ की उपेक्षा करते हुए चलते हैं, यहां के लोग, यहां की भूमि, यहां के वन रहें या न रहें उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है। उन्हें तो बस दिल्ली में बैठे अपने आकाओं के आदेशों का पालन करने और अपनी कुर्सी बचाए रखने से मतलब है।

अमित जोगी ने आज दिग्विजय सिंह से ट्वीट कर कहा कि वो अपने असंवेदनशील ब्यान के लिए बस्तर के लोगों से माफ़ी मांगें। जोगी ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि छजकां के पोलावरम आन्दोलन के बाद आपका (दिग्विजय) पोलावरम के समर्थन में बयान देना दरअसल छजकां के जनांदोलनों को मिल रहे भारी जनसमर्थन के प्रति बौखलाहट है।
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