रायपुर. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षकों को साफ कर दिया कि उनके सरकार की नजर में सब बराबर हैं, फिर चाहे वो आम आदमी हो या पुलिस। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पुलिस वाले नियम-कानून तोड़ेंगे तो उनकी भी खैर नहीं। 24 घंटे पहले मुख्यमंत्री ने एेसे ही तेवर कलेक्टरों को दिखाए थे और ठीक से काम करने की हिदायत देते हुए कहा था कि यदि उन्हें खबरों में रहने का शौक हैं तो पेशा बदलें और राजनीति में जाए।
रमन सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों की दो दिनों में दो अहम बैठकें ली। पहले सोमवार को उन्होंने कलेक्टरों से चर्चा की और फिर मंगलवार को कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की संयुक्त बैठक ली। दोनों ही बैठकों में मुख्यमंत्री ने सख्त तेवर अपनाए रखा। जाहिराना तौर पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक कसावट लाने के लिए छटपटा रही है। प्रदेश में दो वर्ष बाद विधानसभा चुनाव होना है। विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगाती रही है कि वह भ्रष्ट अधिकारियों को प्रश्रय दे रही है जिसकी वजह से प्रदेश में 13 वर्षों से प्रशासनिक आतंकवाद व्याप्त है।
छत्तीसगढ़ में जीत का चौका लगाने के लिए रमन सिंह कोई कोर कसर छोडऩा नहीं चाहते, खासकर प्रशासनिक स्तर पर वे प्रदेश के हर जिले में अपने सरकार की छाप छोडऩा चाहते हैं। जनप्रतिनिधियों का अधिकारियों के प्रति बढ़ते आक्रोश को ध्यान में रखते हुए रमन सिंह ने कहा कि सभी के प्रति अधिकारियों का व्यवहार सम्मानजनक होना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों से विपक्ष के साथ-साथ भाजपा के जनप्रतिनिधि भी शिकायत कर रहे हैं कि अधिकारी उनकी अवहेलना करते हैं और उन्हें पूरा सम्मान नहीं देते।
सीएम ने कहा कि समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने पुलिस को पीडि़तों के प्रति संवेदना रखने और अपराधियों में वर्दी का खौफ कायम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाया जाए।