scriptसाढ़े 38 हजार विद्युत मीटर बंद, मनमाने बिल की वसूली | Raipur: Consumers irked of faulty electric meters, wrong power bills | Patrika News

साढ़े 38 हजार विद्युत मीटर बंद, मनमाने बिल की वसूली

locationरायपुरPublished: Mar 22, 2016 12:50:00 pm

जिनके विद्युत मीटर बंद हैं, उनको बिजली कंपनी बदल तो नहीं रही है, बल्कि
उनके यहां मनमाना बिल भेजकर अपना राजस्व बढ़ाने में लगी हुई है

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रायपुर. चाहें शहर हो या गांव हर विद्युत उपभोक्ता कहीं मीटर तेज चलने तो कहीं आकलित खपत लगाकर बिल भेजे जाने से परेशान है। जिनके विद्युत मीटर बंद हैं, उनको बिजली कंपनी बदल तो नहीं रही है, बल्कि उनके यहां मनमाना बिल भेजकर अपना राजस्व बढ़ाने में लगी हुई है। मीटर बंद होने की शिकायत करने के बाद भी उन्हें बदला नहीं जा रहा है। वर्तमान समय में पूरे प्रदेश में 38,457 मीटर बंद या खराब पड़े हुए हैं, जो बदलने का इंतजार कर रहे हैं।

नियम ताक पर, मनमानी हावी
नियामक आयोग (Regulatory Commission) के सख्त निर्देश हैं कि किसी उपभोक्ता द्वारा मीटर बदलने की शिकायत की जाती है तो कम से कम तीन या अधिकतम सात दिन में उसका मीटर बदल दिया जाए। प्रदेश में यह हाल है कि छह-छह महीने बाद भी खराब या बंद मीटर नहीं बदले जा रहे हैं। मजेदार बात यह है कि राजधानी में ही 6257 मीटर लंबे समय से बंद पड़े हुए हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

आकलित खपत का चल रहा है खेल
सूत्र बताते हैं कि बिजली कंपनी ने राजस्व वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए विद्युत बिलों में आकलित खपत लगाने का खेल बड़ी तेजी से चल रहा है। अधिकतर बिलों में पचास से लेकर दो सौ यूनिट तक वास्तविक रीडिंग के अलावा आकलित खपत लगाई जा रही है। हर डिवीजन पचास से साठ लाख रुपए आकलित खपत के रूप में उपभोक्ताओं से वसूल रहा है।

विधानसभा में भी उठ चुका है मामला
बंद या खराब मीटर होने के बाद मनमानी वसूली किए जाने को लेकर विधानसभा में भी पिछले दिनों यह मामला एक सवाल के जरिए कांग्रेस विधायक अरुण बोरा ने उठाया था।

पूर्व में मीटर नहीं थे, अब मीटर आ गए हैं, बंद या खराब मीटरों को बदला जा रहा है। आकलित खपत यदि कहीं लग रही होगी तो उसको दिखवाकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एमएल मिश्रा, कार्यपालक निदेशक, बिजली कंपनी
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