scriptभारत दर्शन और शादी की आड़ में बेटियों की तस्करी | Raipur : Daughters to trafficking in chhattisgarh | Patrika News

भारत दर्शन और शादी की आड़ में बेटियों की तस्करी

locationरायपुरPublished: Jun 07, 2015 09:58:00 am

पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि यहां भारत दर्शन कराने और शादी की आड़ में लड़कियों की तस्करी करने के कई मामले उजागर हुए हैं

Raipur daughters trafficking

Raipur daughters trafficking

रायपुर. मानव तस्करी के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा झारखंड का गुमला जिला। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि यहां भारत दर्शन कराने और शादी की आड़ में लड़कियों की तस्करी करने के कई मामले उजागर हुए हैं। छत्तीसगढ़ और झारखंड में मानव तस्करी में लिप्त दलाल बीरबल ने लड़कियों को दिल्ली के गुडग़ांव भेजने के लिए पहले गांव-गांव में अपने गुर्गों के जरिये संदेश भिजवाया कि जिन्हें छत्तीसगढ़, आगरा और दिल्ली की सैर करनी हो, वे गुमला पहुंचें।

झांसे में आईं लड़कियां गुमला पहुंचीं तो भारत दर्शन के बोर्ड लगे बस में उन्हें बैठा दिया गया। यह बस जशपुर से होकर गुजरी तो सामाजिक कार्यकर्ताओं को इसकी भनक लग गई और सामाजिक कार्यकर्ता त्रिभुवन शर्मा ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। इस बीच बीरबल लड़कियों को गुडग़ांव में छोड़कर भाग निकला और अब तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर है।

भरोसे का करते हैं कत्ल

मानव तस्करी के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों के दलाल और गुर्गे महंगी गाडिय़ों और अपनी ठाट-बाट से मासूमों को बरगलाते हैं। रायगढ़ के कापू इलाके के माझापारा में रहने वाले दिलसाय और उसकी पत्नी कलाबाई की घास-फूस से बनी झोपड़ी में सुशील वर्मा सिर्फ इसलिए आता-जाता था, क्योंकि दोनों मजदूर थे।

सुशील उन्हें वक्त-बेवक्त इधर-उधर काम पर ले जाता और अच्छा-खासा भुगतान भी कर देता था। एक रोज सुशील अपनी पत्नी संतोषी के साथ महंगी गाड़ी में मुर्गा-शराब लेकर पहुंचा और दिलसाय को दिल्ली चलने के लिए कहा। आनाकानी करने पर सुशील ने उसकी पत्नी को भी ले जाने और पूरा खर्च उठाने की बात कही। वह दोनों को दिल्ली ले गया, जहां दिलसाय को ईंट-भ_े में लगा दिया और उसकी पत्नी कोठियों के मालिकों की मसाज के लिए भेज दी गई। इस बीच दिलसाय पैदल ही भाग निकला और कानपुर पहुंचा, जहां ढाबों में उसने बर्तन साफ किए और पैसे जमा कर घर पहुंचने का इंतजाम किया। पत्नी भी जैसे-तैसे बचकर आई।

झूठ का सहारा

जशपुर के कांसाबेल इलाके के ढेंगुरजोर के संजय कुमार, भगीरथ, अर्जुनराम, संजय, मतियस, फूलसाय, भुलेश्वर और विपिन से तमिलनाडु की सिंधु बोरवेल कंपनी में काम करने वाले रमेश नाम के एक शख्स ने संपर्क किया था। रमेश ने अपने खेल को अंजाम देने के लिए युवकों को मोबाइल भी दिया। एक रोज कंपनी की गाड़ी गांव पहुंची और फिर सब भोपाल, हरदा, कर्नाटक सहित कई स्थानों पर घूमते रहे। बोरवेल कंपनी के लिए बंधक बनकर काम रहे युवक इसी साल अप्रैल में भागकर गांव लौटा।

शादी रचाकर बेच दिया

आईपीएस अफसर राहुल भगत रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक थे, तब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि रोहतक, हरियाणा, पंजाब के लोग आदिवासी युवतियों से शादी कर उन्हें तस्करी के धंधे में धकेल रहे हैं। एसपी ने जवाब दिया था कि किसी को प्रेम और विवाह करने से रोका नहीं जा सकता। हरिद्वार के चंद्रशेखर उर्फ रमेश ने चंद्रवती से शादी की है और चंद्रवती अपनी मां कमला के साथ बच्चों की तस्करी के मामले में जेल की सजा काट रही है। सुशील उर्फ करोड़पति भी हरियाणा का रहने वाला है और फिलहाल अपनी पत्नी संतोषी के साथ रायगढ़ जेल में बंद है।

कौन है दामाद नहीं मालूम

जशपुर विकासखंड के टिकुल गांव में मीना (परिवर्तित नाम) दिल्ली चली गई थी। कुछ समय पहले जब वह लौटी तो उसकी गोद में बच्चा था। इलाके की सामाजिक कार्यकर्ता ममता कुजूर ने उससे बच्चे के पिता के बारे में जानना चाहा तो युवती ने अपने पति को इंजीनियर बताया, मगर नाम नहीं बताया। सामाजिक कार्यकताओं ने छानबीन की तो पता चला कि बच्चा किसी कोठी के मालिक का था।

500 से ज्यादा की तस्करी करने वाला आजाद

छत्तीसगढ़ के पांच हजार से ज्यादा बच्चों और इंसानों को देश-विदेश में बेचने वाला गौरव साहा छह महीने से जशपुर जेल में बंद था, लेकिन अब वह जमानत पर है। तीन जिलों बलरामपुर, रायगढ़ और जशपुर में सक्रिय रहकर मानव तस्करी करने वाला गौरव चंपारण बिहार का निवासी है। गौरव को गिरफ्तार करने वाली कांसालबेल की थाना प्रभारी मल्लिका बनर्जी बताती हैं कि गौरव के गुर्गे गांव के बच्चे, भोले-भाले आदिवासी युवकों, युवतियों को उनकी जरूरतों के हिसाब से टारगेट बनाते हैं।

आपरेशन मुस्कान से लापता बच्चों की तलाश


प्रदेश सरकार एक जुलाई से 31 जुलाई तक राज्य से लापता बच्चों की खोजबीन के लिए ऑपरेशन मुस्कान चलाएगी। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी जिलों के कलक्टरों को लापता बच्चों की खोजबीन के लिए सघन छापेमारी और हर लापता बच्चे की एंट्री ऑनलाइन करने को कहा गया है। ऑपरेशन मुस्कान केंद्रीय महिला एवं विकास मंत्रालय की योजना है।

राज्य में मानव तस्करी का शिकार बनने वाले आदिवासियों की हालत बेहद विवशतापूर्ण है। दलालों के चंगुल में फंसने के बाद ग्रामीणों की गरीबी और बेकारी से बाहर निकलने की उम्मीद जैसे खत्म सी हो जाती है। बलरामपुर जिले के चांदोपुर थाने के जोधपुर गांव का एक दृश्य।

राजकुमार सोनी
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