रसूखदारों की दबंगई…बेबस किसान की जमीन पर अवैध उत्खनन
रायपुरPublished: Oct 06, 2015 08:22:00 pm
प्रदेश में उत्खनन माफिया सरकारी जमीन के साथ-साथ किसानों की निजी जमीन पर भी धड़ल्ले से रेत का अवैध उतखनन कर रहे हैं और सरकार को करोड़ों का घाटा लगा रहे हैं।
रायपुर. प्रदेश में उत्खनन माफियाओं का दबंगई अब हद पार करने लगी है। पहले तो चोरी छिपे उत्खनन कर शासन को राजस्व का चूना लगाया जाता था, लेकिन अब किसानों की जमीन पर कब्जा कर जबरन उत्खनन करने के भी मामले सामले आने लगे हैं।
अधिकारी करते हैं सिर्फ खानापूर्ति
मौके पर पहुंचने पर पाया की एक जेसीबी मशीन द्वारा मुरूम की खुदाई कर चार हाईवा में लोड कर के सप्लाई किया जा रहा था। मामले की खनिज विभाग से शिकायत की गई। जिसके 3 घंटे बाद अधिकारी महज २० किलोमीटर पहुंचे और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती की गई। ।
बेबस किसान किससे करे शिकायत
दरबा गांव का किसान नरेंद्र डीडी जिसकी जमीन पर उत्खनन किया जा रहा था, उसने बताया कि मैं खेत में काम कर रहा था। मेरे सामने जेसीबी मशीन और चार ट्रक यहां से गुजरे मैंने सोचा कहीं कुछ काम चल रहा होगा। जब मशीन और ट्रक मेरे ही खेत में जाकर खुदाई करने लगे तो मैं खेत पर जा कर उन्हें रोकने लगा। जब थोड़ी सख्ती दिखाई तो ड्राइवर और मुंशी मुझे डाराने लगे।
इलाके की पूरी जमीन हो गई है गड्डों में तब्दील
घटना के बाद लौटते हुए एक्स्पोज टीम पूरे क्षेत्र का मुआयना करते हुए लौटी तो देखा कि इस क्षेत्र में वन विभाग की जमीन व सरकारी जमीन समेत किसानों की जमनी पर उत्खनन कर तालाब नुमा बना दिया है। हालात यह हैं कि यदि गांव में सार्वजनिक निर्माण के लिए जमीन तलाशी जाए तो उबड़-खाबड़ गड्ढे ही दिखाई देते हैं।
सरकार को भी करोड़ों का हो रहा नुकसान
नियमानुसार यहां से निकले मुरुम का भंडारण किया जाना था। जिसका उपयोग सरकारी भवन के निर्माण के समय नींव भरने या डब्ल्यूबीएम सडक़ बनाने के लिए किया जाता, लेकिन यहां ऐसा नहीं किया जा रहा है। यहां से निकले खनिज को खननकर्ताओं के द्वारा बेचा जा रहा है। ऐसे करने से शासन को मुरुम और रायल्टी दोनों का ही नुकसान हो रहा है।