प्रदेश में चार गुना तेजी से ट्रक चालकों में बढ़ा एड्स का खतरा
रायपुरPublished: Nov 28, 2015 10:07:00 am
करोड़ों रुपए खर्च कर एड्स रोकने का छत्तीसगढ़ एड्स नियंत्रण समित का दावा खोखला साबित हो रहा है
मनोज सिंह. रायपुर. करोड़ों रुपए खर्च कर एड्स रोकने का छत्तीसगढ़ एड्स नियंत्रण समित का दावा खोखला साबित हो रहा है। प्रदेश में ट्रक चालकों के एड्स से पीडि़त होने की संख्या तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। हाल ही में जारी ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया फाउंडेशन (टीसीआईएफ) की सर्व रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि प्रदेश में चार गुना अधिक तेजी से ट्रक चालक एड्स की चपेट में आते जा रहे हैं। खास बात है कि पीडि़तों में सर्वाधिक 25 से 35 वर्ष की उम्र के ट्रक चालक हैं। इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है।
रायपुर, बिलासपुर व जगदलपुर में खतरा ज्यादा
रिपोर्ट में कहा गया है कि रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में ट्रक चालकों में एड्स की चपेट में आने का खतरा ज्यादा है। ट्रक चालक महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से महिलाओं को यहां लाकर ठहराते हैं। इसके चलते यहां के चालकों में एड्स का खतरा बढ़ रहा है।
एक साल में 82 एड्स रोगी
ट्रासपोर्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया और छत्तीसगढ़ नेटवर्क ऑफ पॉजिटिव एचआईवी ने एक साल के भीतर प्रदेश में कई बार कैंप लगाकर ट्रक चालकों को परीक्षण किया। इस दौरान 400 ट्रक चालकों का परीक्षण करने पर 82 एचआईवी पॉजिटिव मिले। पिछले साल यह आंकड़ा 19 रोगियों का था।
रायपुर में सर्वाधिक 17 चालक पीडि़त
टीसीआईएफ सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक एचआईवी पॉजिटिव ट्रक चालकों की संख्या राजधानी में सबसे अधिक है। इस साल में अब तक यहां 17 ट्रक चालक एचआईवी पॉजिटिव मिले चुके हैं।
ट्रक चालकों के दूसरे राज्यों में आने-जाने से एड्स का खतरा बढ़ता है। इसको नियंत्रित करने के लिए उनकी काउंसलिंग की जाती है।
डॉ. एसके बीनवार, अतिरिक्त योजना संचालक, छत्तीसगढ़ एड्स कंट्रोल बोर्ड