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झीरम कांड की जांच से CBI ने खींचे हाथ, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

locationरायपुरPublished: Oct 19, 2016 07:20:00 pm

सीबीआई के इस मामले की जांच से यू-टर्न लेने पर कांग्रेस ने झीरम कांड के षडयंत्र का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की।

Bhupesh says on GST

GST bill on tabled

रायपुर. झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच से सीबीआई ने खुद को अलग कर लिया है। सीबीआई के इस मामले की जांच से यू-टर्न लेने पर कांग्रेस ने झीरम कांड के षडयंत्र का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की।

मामले में सीबीआई की जांच से इंकार करने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। वहीं उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले को दोबारा सीबीआई में भेजना चाहिए और केंद्र सरकार से भी पहल करने को कहना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार को पहले स्पष्ट करे कि क्या सचमुच सीबीआई ने जांच करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग ही इसलिए की थी क्योंकि झीरम कांड के षडयंत्र की जांच कोई एजेंसी नहीं कर रही है। इसका अधिकार न आयोग के पास है और न एनआईए ने इसकी जांच की।

भूपेश ने कहा कि यदि एनआईए की जांच को आधार बनाकर सीबीआई जांच से इंकार करती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा, क्योंकि एनआईए की चार्जशीट से साफ है कि एनआईए ने षडयंत्र की जांच नहीं की है। उन्होंने कहा कि झीरम कांड एक बड़ा षडयंत्र दिखता है जिससे दिग्गज कांग्रेस नेताओं की शहादत जुड़ी है। यह कांग्रेस के पूरे नेतृत्व के सफाए का षडयंत्र प्रतीत होता है और इसकी जांच होनी चाहिए कि इससे किसे फायदा मिलने वाला था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने पहले दिन ही इस बात पर आपत्ति की थी कि सीबीआई की भिलाई शाखा जब सिर्फ आर्थिक अपराधों की जांच के लिए सक्षम है तो फिर एक बड़े राजनीतिक षडयंत्र का मामला उस शाखा को क्यों भेजा गया।

उन्होंने कहा कि क्या यह सिर्फ संयोग है कि एनआईए की चार्जशीट केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद फाइल की गई और उसमें षडयंत्र का कोई जिक्र नहीं किया गया। राज्य में पहले से ही भाजपा की सरकार है और उसी के रहते यह दर्दनाक कांड हुआ था। अगर सीबीआई षडयंत्र की जांच नहीं करती है तो ऐसा प्रतीत होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसी को तो बचाना चाहती हैं इसलिए षडयंत्र की जांच नहीं करवाई जा रही है।

मालूम हो कि 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर झीरम घाटी में नक्सली हमला हुआ था, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल सहित 29 लोग मारे गए थे। इसे देश के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड के रूप में देखा जाता है।
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