पूर्व मुख्यमंत्री और नई पार्टी छत्तीसगढ़ जन कांग्रेस बनाकर प्रदेश की राजनीति में उबाल लाने वाले अजीत जोगी ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा है।
रायपुर. पूर्व मुख्यमंत्री और नई पार्टी छत्तीसगढ़ जन कांग्रेस बनाकर प्रदेश की राजनीति में उबाल लाने वाले अजीत जोगी ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा है। जोगी ने महानदी मामले में उड़ीसा से चल रहे विवाद को आधार बनाते हुए कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश इस मामले में ओडिशा का पक्ष लेते हैं और परोक्ष रूप से नदी पर बांध और बैराज बनाने के पक्षधर हैं। साथ ही बीजेपी मामले में मौन साधे हुए है.जोगी ने प्रेस कांफे्रंस कर कहा कि छत्तीसगढ़ जन कांग्रेस दोनों दलों को छत्तीसगढ़ के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं करे देगी।
दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक प्रेस वार्ता कर छग और ओडिशा के बीच चल रहे महानदी विवाद पर ओडिशा का समर्थन किया था। रमेश का यह कहना कि छत्तीसगढ़ में हो रहे निर्माण कार्यों का ओडिशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा इसके लिए वे ओडिशा के कांग्रेस नेताओं का दल अध्ययन के लिए छत्तीसगढ़ भेजेंगे। इस पर जोगी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि रमेश इस मु²े पर राजनीति कर रहे हैं, वे इसका विरोध करेंगे।
केंद्रीय जल आयोग द्वारा ओडिशा की आपत्तियों को खारिज कर दिए जाने के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को सलाह देना कि छत्तीसगढ़ के विरुद्ध वे इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने के लिए सर्वदलीय टीम लेकर दिल्ली जाएं। दरअसल यह कांग्रेस का छत्तीसगढ़ विरोधी असली चरित्र और चेहरे को उजागर करता है।
जोगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र व कांग्रेस के नेता छत्तीसगढ़ को गरीब की गाय न समझे कि जो जैसा चाहे वैसा दोहन कर ले। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ओडिशा से आ रहे कांग्रेस के दल का विरोध करेगी। छत्तीसगढ़ के हितों के साथ खिलवाड़ होने पर जनांदोलन किया जाएगा।
इस मुद्दे पर दोनों दलों के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा छत्तीसगढ़ के पक्ष में एक शब्द न कहने को जोगी ने दोहरी राजनीति करार दिया। श्री जोगी ने कहा कि अन्तर्राजीय बाँध परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ के साथ वर्षों से भेदभाव हो रहा है।
जोगी ने कहा कि हीराकुंड में बांध बना तो छत्तीसगढ़ डूबा। रिहन्द में बांध बना तो बलरामपुर क्षेत्र का 3 फीसदी से ज्यादा भाग डूबान में गया । कन्हेर में बांध बन रहा हैए वहां भी छत्तीसगढ़ डूब रहा है । पोलावरम से तो 40 हज़ार परिवार संरक्षित जनजातियों और सुकमा जिले का ही नामोनिशान मिटने का खतरा मंडरा रहा है। छत्तीसगढ़ कब तक डूबता रहेगा कब तक आखिर कब तक हम मौन रहेंगे छत्तीसगढ़ के मौनी मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह देखते रह जाएंगे और केंद्र में बैठी उनकी ही पार्टी की सरकार छत्तीसगढ़ के हितों पर कुठाराघात करती चली जाएगी।