सड़क खोदने से लेकर मोबाइल टावर लगाने तक के नए नियम
रायपुरPublished: Jul 07, 2015 10:55:00 am
पत्रिका ने मोबाइल रेडिएशन से लेकर नियमों के विरुद्ध लगाए गए मोबाइल टावर्सके कैंपेन में जन-आंदोलन खड़ा किया
रायपुर. पत्रिका ने मोबाइल रेडिएशन से लेकर नियमों के विरुद्ध लगाए गए मोबाइल टावर्सके कैंपेन में जन-आंदोलन खड़ा किया। इसी का परिणाम है कि 4-जी नेटवर्क के लिए चिप्स द्वारा तैयार विनियामक नीति में कई नए जन-उपयोगी नियमों को शामिल किया गया है। चिप्स ने कहा है कि छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जिसने 4-जी को लेकर विनियामक नीति बनाई है। नियमों के मुताबिक टेलीकाम कंपनियों को सुविधाएं देने के साथ ही उन पर जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। फाइबर केबल बिछाने के लिए नए नियमों के साथ स्थानीय निकायों में मुफ्त 4-जी सेवाएं, समय-सीमा के भीतर काम और सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था शामिल हैं।
4जी के लिए अन्य टेलीकॉम कंपनियां कतार में
रिलायंस-जियो के बाद प्रदेश में 4-जी सेवाओं के लिए आइडिया, एयरटेल ने भी सर्वे शुरु कर दिया है। दोनों कंपनी राजधानी से इसकी शुरुआत कर सकती है। 4-जी सेवाओं को लेकर इन दिनों टेलीकाम कंपनियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। अब सभी कंपनियों को नए नियमों के मुताबिक काम करना होगा।
मोबाइल टावर को लेकर नियम
-कंपनी को अनुमति 5 वर्ष के लिए दी जाएगी। इसका नवीनीकरण प्रत्येक 5 वर्ष में कराना अनिवार्य होगा।
-स्कूल, कॉलेज, पॉर्क, अस्पताल एवं जेल परिसर में अनुमति नहीं होगी।
स्थानीय निकाय को न्यूनतम 2 एमबीपीएस की कनेक्टिविटी
-मोबाइल टॉवर में हाईमास्क लाइट के साथ पुलिस विभाग की अपेक्षा पर सीसीटीवी कैमरे
-20 मीटर से अधिक ऊंचाई होने पर एयरपोर्ट अथारिटी से अनुमति।
-प्रत्येक टॉवर के शीर्ष पर लालबत्ती, सिग्नल व तडि़त चालक लगाया जाएगा। अग्निशमन उपकरणों का प्रबंध कंपनी को करना होगा।
-किसी भी प्रकार की दुर्घटना या क्षति होने की स्थिति में संपूर्ण जिम्मेदारी सेवा प्रदाता कंपनी की होगी।
ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के नियम
-माइक्रो ट्रेचिंग पद्धति का उपयोग कर इस कार्य में होरिजेंटल डायरेक्ट ड्रिलिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
-माइक्रो ट्रेङ्क्षचंग के लिए भूमि स्वामी या विभाग से अनुमति प्राप्त करना होगा।
-माइक्रो ट्रेचिंग करने का संपूर्ण उत्तरदायित्व अनुमतिधारी का होगा। यह कार्य अत्याधुनिक मशीनों में 72 घंटे के भीतर पूरा किया जाएगा।
-भूमिगत केबल बिछाते समय अन्य सेवाओं एवं सुविधाओं में हुई क्षति की भरपाई सेवा प्रदाता कंपनी की होगी।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
2-जी, 3-जी और 4-जी के लिए एक ही दिशा-निर्देश और नियम-कानून होने के कारण टेलीकाम कंपनियों ने प्रदेश में नियम-कानून को ताक पर रख दिया। इसे लेकर निकाय और राज्य सरकार पर भी सवाल-जवाब हुए। जहां-तहां फाइबर केबल बिछाने के साथ-साथ स्कूल, गार्डन और सरकारी इमारतों में भी मोबाइल टावर गाड़ दिया गया।
4जी के विनियामक नीति से आम लोगों को सुविधा मिलेगी। नया नियम-कानून जन-उपयोगी होगा। छह विभागों से नियमों पर सहमति भी ली गई है।
सौरभ कुमार, सीईओ, सूचना एवं जैव प्रौद्योगिकी