दशहरा, दिवाली तथा सूर्य उपासना का छठ पर्व आने में भले ही महीनेभर से अधिक है। लेकिन गाडि़यां अभी से फुल हो गई हैं। सबसे अधिक वेटिंग छठ पूजा के दौरान बन गई है
रायपुर. दशहरा, दिवाली तथा सूर्य उपासना का छठ पर्व आने में भले ही महीनेभर से अधिक है। लेकिन गाडि़यां अभी से फुल हो गई हैं। सबसे अधिक वेटिंग छठ पूजा के दौरान बन गई है। रायपुर जंक्शन से होकर गुजरने वाली ट्रेन में 70 वेटिंग टिकट बनने के बाद यह गाड़ी नो रूम हो चुकी है। जबकि दुर्ग से चलने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस में वेटिंग सूची 150 पार चल रही है।
त्योहार मनाने के लिए लोगों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। लोग दो महीने पहले से ही अनेक ट्रेनों में रिजर्वेशन कराया है। रेलवे के कंप्यूटर सिस्टम और आईआरसीटीसी की साइड नो रूम बताने लगी है। आज की तारीख में यदि कोई हैदराबा-दरभंगा जैसी लंबी दूरी की गाडि़यों में टिकट लेना चाहे तो उसे नहीं मिल पा रहा है। रेल अफसरों का मानना है कि गर्मी के दिनों में शादी- विवाह और बच्चों की छुट्टियों से पहले दशहरा, दिवाली और छठ पूजा के दौरान सबसे अधिक पीक सीजन होता है। दिवाली के बाद छठ पूजा होने से 15 नवंबर तक पूरी गाडि़यां पैक जैसी स्थिति में पहुंच रही हैं।
हर श्रेणी में वेटिंग
रेलवे के आरक्षण केंद्र के मुताबिक 25 अक्टूबर से 7 नवंबर तक तो रायपुर जंक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों की सभी श्रेणियों के टिकट अभी से 40 से 50 वेटिंग बनने लगे हैं। सबसे अधिक भीड़ जयपुर,हैदराबाद और अहमदाबाद तरफ से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों को हो सकती है। क्योंकि इस रूट की ट्रेनों में नो रूम की स्थिति बन चुकी है। जिस तेजी से टिकट बन रहा है उसे देखते हुए यह तय है कि छठ पूजा आने के आसपास दर्जनभर से अधिक गाडि़यां नो रूम में पहुंच जाएंगी।
गाडि़यों का लेटलतीफी भी जारी
इस समय दोनों तरफ की गाडि़यां भी लेट से चल रही हैं। दिल्ली से आने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस बुधवार को आठ घंटा देरी से पहुंची। इसी तरह गोंडवाना, पुरी अहमदाबाद, तिरुवंतपुरीवेली, मालदा एक्सप्रेस, शालीमार जैसी ट्रेनें दो से तीन घंटा देरी से रायपुर जंक्शन पहुंचीं। गाडि़यों के लेटलतीफी का सिलसिला सप्ताहभर से चल रहा है।
रायपुर आरक्षण केंद्र के मुख्य पर्यवेक्षक कोडल राव ने बताया कि त्यौहारी सीजन में लंबी दूरी की ट्रेनों में नो रूम की स्थिति बनी है। कम दूरी में वेटिंग है। पूजा स्पेशल चलाने की तैयारी है।