एनपीपीए की ओर से दवाओं की कीमत लागत से कई गुना अधिक तय करने के बावजूद बावजूद दवा कंपनियां और मेडिकल स्टोर संचालक मरीजों को लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं।
रायपुर. नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) की ओर से दवाओं की कीमत लागत से कई गुना अधिक तय करने के बावजूद बावजूद दवा कंपनियां और मेडिकल स्टोर संचालक मरीजों को लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं। एनपीपीए के ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर की ओर से तय कीमत से दस गुना अधिक एमआरपी पर दवाएं बेची जा रही हैं। मामले में शिकायत मिलने पर एनपीपीए ने दवा कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। एनपीपीए की हेल्पलाइन 1800111255 पर छत्तीसगढ़ से 165 शिकायतें हुई हैं।
करें शिकायत
एनपीपीए की वेबसाइट सभी आवश्यक दवाओं की कीमत दी गई है। इस चेक कर सकता है। तय कीमत से अधिक दाम पर दवाएं बेचने की शिकायत हेल्पलाइन नंबर पर किया जा सकता है। एनपीपीए कंपनी से रिकवरी करेगा।
एनपीपीए ने तय किए रेट
आवश्यक दवाओं तक आम आदमी की पहुंच हो, इसके लिए एनपीए इन दवाओं के रेट तय करता है। इनमें कैंसर, हार्ट, डायबिटीज से संबंधित दवाएं और एंटीबॉयोटिक आदि शामिल हैं। तय रेट से अधिक कीमत पर दवाएं बेची नहीं जा सकती। लेकिन कंपनियां एनपीपीए को ठेंगा दिखाते हुए मरीजों को लूट रही हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक नरसिम्हा राव ने कहा कि दुकानों में जेनेरिक दवाएं न होने व दवाओं के रेट अधिक प्रिंट होने की जानकारी मिली है, जांच जारी है।