इस बार बारिश अच्छी होने से अब ठंड के दिनों में इजाफा होगा। सप्ताह में औसत 2 दिन ठंड पड़ रही थी, जो अब हफ्ते में चार दिन होने की संभावना है।
रायपुर. पिछले दो वर्षों में ठंड के दिनों में गिरावट आ गई थी, लेकिन इस बार बारिश अच्छी होने से अब ठंड के दिनों में इजाफा होगा। सप्ताह में औसत 2 दिन ठंड पड़ रही थी, जो अब हफ्ते में चार दिन होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अक्टूबर में वर्ष 1933 में सबसे कम तापमान 13.9 डिग्री दर्ज है। वैसे भी अक्टूबर में मौसम में उतार-चढ़ाव बना रहता है।
फिलहाल अभी प्रदेश में मानसून विदाई की बेला में है। दो-तीन दिनों में मानसून की विदाई हो जाएगी। मानसून सीजन खत्म होने के बाद इस वर्ष अक्टूबर में इस वर्ष 74.6 मिमी बारिश हुई है। पिछले वर्ष 2015 में एक भी दिन इस माह में बारिश नहीं हुई। राजधानी में मानसून सीजन में 1177 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से तीन फीसदी अधिक है।
चलने लगी है उत्तर-पूर्वी हवाएं
राजधानी में शाम ढलते ही हल्की ठंड का अहसास होने लगा है। राजधानी में इन दिनों उत्तर-पूर्वी हवाएं चलने लगी हैं। हालांकि न्यूनतम तापमान में 22 से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच हैं। आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट आएगी। इसके बाद गुलाबी ठंड पडऩे लगेगी। इन दिनों शहर में मौसम रात में हल्की ठंड और दिन में हल्की गर्मी पड़ रही है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट के बाद ही गुलाबी ठंड का अहसास होगा।
जनवरी माह में सबसे ज्यादा पड़ती हैं ठंड
मौसम विभाग के अनुसार जनवरी माह में ठंड अपने चरम पर रहती है। इस माह में न्यूनतम तापमान में 17 से 10 डिग्री के बीच रहता है। पिछले दस साल में जनवरी माह में वर्ष 2011 में सात जनवरी को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री रहा है। यानी प्रचंड ठंड पड़ी। पिछले साल 2015 में जनवरी में सबसे कम तापमान 19 जनवरी को 9.9 डिग्री दर्ज किया गया था।
दिसंबर से फरवरी तक सर्दी का सीजन
राजधानी में दिसंबर से फरवरी तक ठंडी का सीजन रहता है। इस दौरान यदि सामान्य तापमान से पांच से छह डिग्री कम रहता है, तो शीत लहर चलती है। इसके बाद यदि तापमान सात डिग्री से कम रहता है, प्रचंड ठंड यानी हाड़ कंपा देन वाली पड़ती है। जिसे वैज्ञानिक भाषा में सीवियर कोल्ड वेव कहा जाता है।
रायपुर लालपुर मौसम केंद्र के सहायक मौसम विज्ञानी गोपाल राव का कहना है कि इस वर्ष अच्छी बारिश हुई है, इसलिए कह सकते हैं कि ठीक-ठाक ठंड पड़ेगी। ठंड के दिनों में भी इजाफा होगा। ठंड में पश्चिमी विक्षोभ भी ज्यादा बनता है, इसलिए ठंड में कमी आ जाती है। उत्तर-पूर्वी हवाएं लगातार आएगी, तभी कड़ाके की ठंड पड़ेगी।