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जयपुर

ऐसी क्या वहज, हर माह एड्स के 100 नए रोगी

उदयपुर. राज्य में एड्स पीडि़तों की संख्या में उदयपुर का स्थान दूसरा
श्रीगंगानगर में सर्वाधिक एड्स रोगी
आरएनटी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है नि:शुल्क जांच की सुविधा

जयपुरDec 01, 2015 / 02:10 pm

उदयपुर में ऐसी क्या वजह है कि हर माह एड्स के 100 नए रोगी बढ़ रहे हैं। एड्स रोगियों के आंकड़ों के बढ़ते रफ्तार ने चिकित्सा विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। जागरूकता कार्यक्रम के बावजूद स्थिति यह है तो मामला गंभीर है। सूत्रों के अनुसार एड्स के शिकार शहरवासी तो बहुत ही कम, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों के लोग ज्यादा है। एड्स रोगियों की बढ़ती संख्या के बीच श्रीगंगानगर के बाद प्रदेश में उदयपुर का स्थान नंबर दो पर आने की चर्चाएं हैं। रोग प्रभावितों के जिलेवार आंकड़ों से विशेषज्ञों के बीच इसकी अनुमानित घोषणा हो चुकी है, लेकिन एचआईवी सेंटीनल सर्विलेंस की ओर से इस पर मुहर लगनी शेष है। इसके बाद उदयपुर जिला ‘एÓ कैटेगरी में आ जाएगा। चिकित्साल विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में हर माह औसतन 100 के करीब नए एचआईवी प्रभावित रोगी सामने आ रहे हैं। लगातार बढ़ते एड्स रोगियों के आंकड़ों ने चिकित्सा विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। रिपोर्ट के अनुसार रोगियों के मामले में जयपुर, टोंक, बाड़मेर, अजमेर एवं अलवर जिला ‘बी’ कैटेगरी में हैं। अब तक उदयपुर भी इसमें शामिल था।
सीएमएचओ डॉ. संजीव टाक ने कहा कि उदयपुर एड्स रोगियों के मामले में राज्य में ‘ए’ कैटेगरी में आ गया है। इसकी जानकारी करके ही बता पाऊंगा। एचआईवी रोग को लेकर शिविरों एवं अन्य माध्यमों से लोगों में जागरूकता लाने का कार्य विभागीय स्तर पर लगातार जारी है।

जयपुर इसलिए आगे
चिकित्सा सूत्रों की मानें तो जयपुर में एचआईवी को लेकर जागरूकता है, लेकिन नाम उजागर होने के डर से प्रदेशभर से एचआईवी प्रभावित रोगी जयपुर कूच करते हैं। उपचार एवं दवाएं लेने के साथ वे वहीं रजिस्ट्रेशन भी कराते हैं। दूसरी ओर जानकारों की मानें तो जयपुर में सुविधाओं के चलते अन्य जिलों में एचआईवी रोगियों की संख्या अनुपात की अपेक्षा कम है। आंकड़ों पर गौर करें तो उदयपुर जिले में अप्रेल 2015 में 96, मई में 100, जून में 98, जुलाई में 87, अगस्त में 73, सितम्बर में 83 एवं अक्टूबर में 101 एचआईवी पीडि़त सामने आए हैं।

यह है सुविधा
शहर में में आरएनटी मेडिकल कॉलेज में आईसीटीसी (इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) में आम आदमी को एचआईवी संबंधित नि:शुल्क जांच की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां सामने आने वाले एड्स रोगियों को एआरटी (एंटीरिट्रो वायरल थैरेपी) से उपचार की सुविधा दी जाती है। जांच में सामने आने वाले रोगी का नाम एवं पता गुप्त रखा जाता है। सरकारी सुविधा के तहत एड्स रोगियों को अन्त्योदय योजना, विधवा पेंशन, बीपीएल में नाम जोडऩे जैसी योजनाएं उपलब्ध हैं।

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