मां के दूध से बच्चों को न रखें वंचित
रायसेनPublished: Jul 29, 2015 11:03:00 pm
जन्म से छह माह तक नवजात
को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। लेकन जागरूकता के अभाव में तथा पुरातन
कुशंकाओं के चलते आज भी माताएं
रायसेन। जन्म से छह माह तक नवजात को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। लेकन जागरूकता के अभाव में तथा पुरातन कुशंकाओं के चलते आज भी माताएं नवजात को जरूरी समय में मां के दूध से वंचित रखती हैं। जबकि बच्चे के शारीरिक विकास और स्वास्थ्य के लिए जन्म के तुरंत बाद से लेकर छह माह तक केवल मां का दूध ही सबसे अधिक हितकारी है। यह बात सीएमएचओ डा. शशि ठाकुर और महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी ब्रजेश शिवहरे ने बुधवार को एक कार्यशाला में दी।
ज्ञात हो कि एक अगस्त से विश्व स्तरपान सप्ताह की शुरूआत होगी। जिसमें एक सप्ताह तक स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग से जुडे कर्मचारी घर-घर जाकर और आंगनवाडियों मे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से धात्री माताओं और अन्य महिलाओं को बच्चों के स्तनपान के लिए जागरूक करेंगे। इस मौके पर कलेक्टर जेके जैन ने भी सप्ताह के दौरान माताओं को जागरूक करने के लिए जरूरी निर्देश दिए।
कार्यशाला में बताया गया कि मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे का पहला प्राकृतिक टीकाकरण है। जन्म के तुरंत बाद और हर हाल में एक घण्टे के अंदर शिशु को मां का दूध पिलाया जाना चाहिए। इस गाढ़े व पीले दूध में तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। छह माह तक बच्चों को दूध के अलावा और कुछ न दें। मां का दूध बच्चे को को पीलिया, अस्थमा, शरीर ठण्डा पड़ने, डायरिया, एलर्जी आदि रोगों से बचाता है।