यहां भी अशोकनगर जिले के करीला की तरह मन्नतों का नृत्य रात भर चलता है। माता सीता और लव-कुश के मंदिर पर लोग अपनी मन्नतें लेकर जाते हैं।
प्रवीण श्रीवास्तव @ रायसेन
अशोकनगर जिले के करीला में स्थित माता सीता के मंदिर पर हर साल रंगपंचमी पर मन्नतों का मेला लगता है। यह स्थान पूरे प्रदेश में ख्यात है, लेकिन रायसेन जिले के कस्बा गैरतगंज के पास स्थित ग्राम भानपुरगंज में भी मिनी करीला के नाम से रंगपंचमी पर विशाल मेला लगता है।
यहां भी अशोकनगर जिले के करीला की तरह मन्नतों का नृत्य रात भर चलता है। माता सीता और लव-कुश के मंदिर पर लोग अपनी मन्नतें लेकर जाते हैं। यहां भी अपनी मनोकामना पूर्ति को लेकर दूर दराज से हजारों लोग पहुंचकर राई नृत्य बधाई के रूप में करवाते हैं।
गैरतगंज से पांच किमी दूर सिलवानी रोड पर स्थित ग्राम भानपुरगंज की टेकरी पर माता जानकी एवं लव-कुश मंदिर स्थित है। यहां हर साल रंगपंचमी पर मेले का आयोजन होता है। बीते एक दशक में इस स्थान को खासी प्रसिद्धि मिली है।
(नृत्य के लिए ध्वज लेकर पहुंचती हैं नर्तकियां।)
(मिनी करीला भानपुर गंज स्थित माता सीता का मंदिर।)
पूरी होती है मुराद
मान्यता है कि रंगपंचमी पर यहां मन्नत मांगने वालों की हर मुराद पूरी होती है। बदले में श्रद्धालु यहां लोक नृत्य राई को बधाई के रूप में करवाते हैं। मुख्य कार्यक्रम रंगपंचमी की सुबह से अगले दिन की सुबह तक चलता है। जिसमे एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु शामिल होते हैं।
(नृत्य के लिए ध्वज लेकर पहुंचती हैं नर्तकियां।)