रायसेन. जिले में प्रधानमंत्री सड़कों के निर्माण में बरती गई लापरवाही पहली बारिश में ही खुलकर सामने आने लगी है। बीते दिनो आठ दिन लगातार बारिश के बाद कई सड़कों और पुलियाओं की हालत अब उपयोग के काबिल नहीं बची। एक-दो माह पहले बनी सड़कें भी पहली बारिश नहीं झेल पाईं। नतीजतन अब ग्रामीण फिर सड़क के लिए संघर्ष करने को मजबूर होंगे।
सड़कों के छतिग्रसत होने में भारी वाहन भी बड़ा कारण हैं। प्रशासन की अनदेखी की वजह से प्रधानमंत्री सड़कों पर रेत, गिट्टी और पत्थरों से भरे भारी वाहनो का आवागमन अवैध रूप से होने से सड़कें समय से पहले बिखर रही हैं।
सड़कों के खराब होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विभागीय अधिकारी की माने तो प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत बनने वाली सड़के 7 टन क्षमता वाले वाहनों के लिए डिजाइन की जाती है। लेकिन प्रधानमंत्री सड़कों पर क्षमता से अधिक लोडिंग वाहन चलने के कारण सड़कों को ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है। वहीं इन भारी वाहनों पर लगाम कसने के लिए विभाग के पास कोई योजना नहीं है। जिससे सड़कों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके। जिससे कई सड़के गारंटी समय खत्म होने से पहले ही बुरी तरह तहस नहस हो गई हैं। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो ग्रामीणों का सड़कों पर चलना दूभर हो जाएगा।
मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम सलेरा से सनखेड़ी ग्राम तक बनी प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़क पर पत्थरों से भरा ट्रक महुआखेड़ा पुलिया से गुजरने के दौरान पुलिया धंसक जाने के कारण ट्रक बुरी तरह फंस गया। जिससे ग्रामीणों को सड़क पर ट्रेक्टर ट्राली एवं अन्य वाहन निकालना मुश्किल हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्थर खदान से पत्थर भरकर विदिशा जा रहा ट्रक क्रमांक आर जे 20 जीए 3144 महुआखेड़ा पुलिया से गुजरने के दौरान पुलिया धंसक गई। जिससे ट्रक पुलिया में फंस गया।
ट्रक चालक ने बताया कि पत्थर ठेकेदार द्वारा यही रास्ता बताया गया था और 12 चक्का पत्थरों से भरा ट्रक जैसे ही पुलिया से गुजरा तो पुलिया धंसक गई। यह अच्छा हुआ की बारिश नहीं हो रही थी नहीं तो पुलिया पर बाढ़ का पानी आ जाता तो ट्रक बह जाता। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले महुआखेड़ा के आगे की पुलिया भी धंसक गई है। पुलिया के निर्माण कार्य में जल्दबाजी की गई और गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। जिसके वजह से पुलिया धंसक गई है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत ग्राम सलेरा से ग्राम सनखेड़ी तक बन रही इस सड़क की लागत 239.08 लाख है और सड़क की बनने से पहले ही हालत बहुत खराब हो गई है। जगह जगह सड़क किनारे बारिश के चलते कटाव हो जाने से सड़क ने दम तोडऩा शुरू कर दिया है। सड़क पर किया गया डामर पहली बारिश में ही बह गया। जिससे सड़क के निर्माण में बरती गई लापरवाही खुल कर सामने आ गई है।
ग्रामीण भारत सिंह, सौदान सिंह, जीवन सिंह आदि ने बताया कि करोड़ों रुपए की इस सड़क पर जून माह में ही डामर बिछाया गया था। लेकिन एक माह में जगह जगह डामर उखडऩे लगा है। वहीं कई जगह पर सड़क धसकने लगी है। सड़क निर्माण में गुणवत्ता का याल नहीं रखा गया है। सड़क पर बनी पुलिया पूरी तरह धंस गई है।
उक्त सड़क का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। अधिक बारिश होने के कारण सड़क में कुछ स्थानों पर डामर उखड़ा है और पुन: मर मत कार्य करवाया जाएगा। सड़क 7 टन की है और क्षमता से अधिक भारी वाहन के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है। मौके पर जांच दल को भेज दिया है। – मनोज यादव, जीएम प्रधानमंत्री सड़क यूनिट-2