रायसेन/बेगमगंज. ग्राम भैंसबाई कला में रविवार शाम से दूषित पानी पीने से उल्टी दस्त का शिकार हुए लोगों का आकड़ा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार शाम तक मरीजों की संख्या 200 से अधिक पहुंच गई थी। स्थिति को देखते हुए गांव के एक स्कूल में कैंप लगाकर मरीजों का इलाज शुरू किया गया। गंभीर मरीजों को बेगमगंज के अस्पताल भेजा गया, जहां अतिगंभीर होने परमरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मंगलवार शाम तक लगभग 30 मरीज बेगमगंज अस्पताल में भर्ती हैं।
जिले से सीएचएमओ डॉ. शशि ठाकुर ने दूषित पानी से बीमार हुए लोगो को देखा और हास्पिटल के कर्मचारी, डाक्टरो की छुट्टी रद्द कर दी। साथ ही गैरतगंज, सिलवानी एवं जिले के डॉक्टरों की टीम आई जो भैसबाई कला में पहुंचकर घर घर जाकर पीडि़त परिवारों से मिलकर उन्हे दवाईयां दे रहे हैं। और साफ सुथरा पानी पीने की हिदायत दी है।
उल्लेखनीय है कि भैसबाई कला में 125 घरो की बस्ती है और लगभग 8 00 की जन संख्या है। जिसमें हर घर से मरीज मिल रहे हैं। मंगलवार सुबह से शाम तक सिविल अस्पताल में 20 से 25 मरीज पहुंचे हैं। जहां तीन मरीजों की हालत गम्भीर होने पर उन्हे रायसेन रेफर किया गया। सीएचएमओ डॉ. शशि ठाकुर ने ग्रामीणों से अपील की है कि साबुन से हाथ धोकर ही भोजन ग्रहण करें एवं उबालकर पानी पीयें, बच्चों एवं बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
सोमवार रात्रि 12 बजे से मंगलवार शाम तक लगभग 25 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं। जिनके आने से जिले के डॉक्टरो में अफरा तफरी मची हुई है। मरीजों में रामक्रेश यादव, रामकुमारी यादव, कृष्ण कांत यादव, अंजनी यादव, शिवानी, राजेश, राजा यादव, तेजपाल सिंह, अभय पाल, मीनाबाई, विल्या बी, तबुसुम बी, गजेन्द्र सिंह, बन्टी, छोटू, बतीबाई, ममता बाई, परमलाल, मोहन बाई, रामलाल, मोती बाई, सुरदीप, आदि अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। जिनमे तीन को रायसेन रेफर किया गया है।
इस साल मौसम विभाग ने महीनो पहले अच्छी बारिश के संकेत दे दिए थे। जो प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को पहले से तैयारियां करने के लिए संकेत था। लेकिन जिम्मेदारों ने समय रहते बारिश के कारण होने वाली बीमारियों और पानी के दूषित होने संबंधी बीमारियों से बचाव, लोगों को जागरूक करने, जलस्रोतों में दवाएं डालने, पंचायतों में दवाओं की व्यवस्थाएं करने जैसी कोई तैयारी नहीं की। इस मामले में जिम्मेदारी विभाग पीएचई की भूमिका पूरी तरह से लापरवाही पूर्ण रही है।ईई सौरभ जैन की मानमानी और लापरवाहियों के चलते बीते एक माह में कईगांवों में उल्टी दस्त की बीमारियां फैलीं और हर जगह दूषित पानी इसका कारण बना।
बारिश के दौरान जलस्रोतों का पानी तेजी से दूषित होता है। लिहाजा पानी के उपयोग में विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत है। डाक्टरों के मुताबिक जलस्रोत से लिए गए पानी का सीधा उपयोग नहीं करें। पानी को पहले अच्छे से उबालें और फिर ठंडा कर कपड़े से छानकर उपयोग करें। हमेशा ताजा भोजन ही खाएं। जरा भी खराब हुए फल या सब्जी का उपयोग नहीं करें। बाजार के खाद्य पदार्थ नहीं खाएं। भोजन से पहले अच्छी तरह साबुन से हाथ धोएं। शाम होते ही घर में नीम का धुआं करें। मच्छरदानी का उपयोग करें।
स्वास्थ्य अमला भैंसबाई गांव में केंप कर रहा है। हर घर जाकर मरीजों की जांच कर दवाएं दी जा रही हैं। स्कूल मे ही मरीजों की भर्ती कराकर उपचार जारी है। जिले की हर तहसील से डॉक्टरों को बुलाकर ड्यूटी लगाई गई है।सभी डॉक्टरों की छुट्टी रद्द कर दी हैं। -डॉ. शशि ठाकुर, सीएचएमओ