रायसेन. भाई-बहन के पवित्र स्नेह के प्रतीक
रक्षाबंधन पर्व पर इस बार बहनों को अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए सिर्फ ढ़ाई घंटे का समय मिलेगा। दिन के समय में ही
रक्षाबंधन का त्योहार असीम उत्साह व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला, पं. राममोहन चतुर्वेदी ने बताया कि सुबह भद्रा नक्षत्र व इसके बाद खग्रास चंद्र ग्रहण का सूतक लग जाने से यह स्थिति बनी है। चंद्र ग्रहण लगभग एक घण्टे 53 मिनट रहेगा। मकर राशि में होने के कारण इस राशि वालों के लिए यह अशुभ फलदायी होगा। उल्लेखनीय है कि इस साल सात अगस्त को
रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ेगा। पंडित शुक्ला ने बताया कि रक्षा बंधन के लिए सुबह 11.40 बजे तक भद्रा है। भद्रा में भाई को राखी बांधना निषेध रहता है। दोपहर 1.29 बजे से चंद्रग्रहण का सूत लग जाएगा। इसलिए सूतक में रक्षा बंधन पर्व नहीं मनाया जा सकता है। इस कारण सुबह 11.40 बजे से दोपहर 1.28 बजे तक यानि लगभग ढाई घंटे ही रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा।
चंद्र ग्रहण में क्या करें…..
चंद्र ग्रहण काल के दौरान अपने इष्ट देव की आराधना, जप, धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन, भजन-कीर्तन आदि कार्य करना चाहिए। इनसे विशेष फल प्राप्त होता है। ग्रह पीड़ा होने पर इसके निवारण के लिए जप, दान आदि जरूर करें।
चंद्र ग्रहण किसे शुभ, किसे अशुभ
चंद्र ग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन वालों के लिए शुभ, वृष, कर्क, कन्या एवं धनु राशि के लिए सामान्य व मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ रहेगा। जिनके लिए चंद्र ग्रहण शुभ है वह देख सकते हैं। जिनके लिए अशुभ है उन्हें चंद्र ग्रहण बिल्कुल नहीं देखना चाहिए।