रायसेन/कुंडाली. इलाज नहीं मिलने और समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण सोमवार को एक मासूम बच्ची की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार ग्राम कीरतपुर पड़रिया निवासी राजाराम आदिवासी अपनी पुत्रि सात वर्षीय श्रेष्ठी को लगातार बुखार आने के कारण इलाज के लिए बम्हौरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आया था। लड़की की गंभीर हालत को देखते हुए अस्पताल में मौजूद नर्स ने उसे सिलवानी ले जाने की सलाह देते हुउ रेफर कर दिया, अस्पताल में एंबुलेंस नहीं होने पर 108 वाहन को बुलाया गया। लेकिन वह भी कहीं दूसरी जगह होने के कारण अस्पताल नहीं पहुंच सकी। इस बीच लगभग एक घंटा बीत गया। जिससे श्रेष्ठी की हालत और भी गंभीर हो गई और कुछ देर में ही उसकी मौत हो गई। इस तरह समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण एक और मरीज ने दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार बम्हौरी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर लगभग 15 दिन से मेडीकल लीव पर हैं। अस्पताल की जिम्मेदारी नर्सों पर है। बीमारी के दौर में अस्पताल में डाक्टर नहीं होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि बम्हौरी अस्पताल से लगभग 80 गांवों के लोग जुड़े हैं। जिनके इलाज की जिम्मेदारी इसी अस्पताल पर है, लेकिन यहां डॉक्टर नहीं है न ही एंबुलेंस की सुविधा है। यहां जरूरत पडऩे पर सिलवानी अस्पताल से एंबुलेंस बुलाना पड़ती है। जिसे बम्हौरी पहुंचने में लगभग आधा घंटा लगता है। बीएमओ डा. एचएन मांडरे का कहना है कि डाक्टरों की कमी के कारण ऐसी स्थिति बनी है। एंबुलेंस की मांग लगातार कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री से भी एंबुलेंस की मांग की है।