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सेंडोरा पहुंची डॉक्टरों की टीम

बीमारी की चपेट में आए सेंडोरा
गांव में बुधवार को ब्लॉक मेडिकल आफिसर के नेतृत्व में कॉम्बेक्ट टीम पहुंची। इस
गांव में फैली बीमारी की चपेट में आए सौ से

रायसेनOct 01, 2015 / 12:13 am

कमल राजपूत

Raisen news

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रायसेन। बीमारी की चपेट में आए सेंडोरा गांव में बुधवार को ब्लॉक मेडिकल आफिसर के नेतृत्व में कॉम्बेक्ट टीम पहुंची। इस गांव में फैली बीमारी की चपेट में आए सौ से अधिक लोगों को इालज मिलना शुरू हो गया है। बुधवार को गांव में बीमारी फैलने की खबर पत्रिका में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों की नींद खुली। बुधवार को सुबह से डाक्टरों की टीम सेंडोरा पहुंच गई। यहां 41 मरीजों की स्लाइडें बनाईं। हर मरीज की जांच करके जरूरी दवाएं वितरित की गईं।

गांव में फैली गंदगी और पानी से गड्ढों में कीटनाशक का छिड़काव किया गया। ज्ञात हो कि ग्राम सेंडोरा में बीते एक सप्ताह से बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। मंगलवार को जिला अस्पताल में लगभग 30 मरीज भर्ती हुए थे। जिनमें से चार को मलेरिया होना पाया गया था, जबकि दो गंभीर मरीजों को भोपाल रेफर किया गया था। इसके बावजूद इस मामले को स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से नहीं ले रहा था।

गांव में एकमात्र एमपीडब्ल्यू को भेजकर मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी दी गई थी। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और कई गंभीर होते जा रहे हैं। मलेरिया, बुखार, शरीर में अकड़न, सिरदर्द के मरीजों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। सीएमएचओ डॉ. शशि ठाकुर के आदेश पर बुधवार को सांची की काम्बेक्ट मेडिकल टीम सेंडोरा गांव पहुंची।

मेडिकल आफिसर एवं बीएमओ डॉ. एके माथुर, सेक्टर चिकित्सा प्रभारी खरबई डॉ. सुरेश यादव, सुपरवाइजर रामनारायण सक्सेना, आरोग्य केंद्र प्रभारी सूरज बंशकार सहित एमआई फूलवती जरे आदि ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। डाक्टरों की टीम ने गांव में जगह-जगह भरे गंदे पानी के गड्ढों और नालियों में कीटनाशक दवाएं डलवाई। मच्छरों का लार्वा खत्म करने पानी मे गंबूशिया मछलियां छोड़ीं। साथ ही गांव की गली और चौक में कीटनाशक का छिड़काव भी कराया गया।

भट्ठा मालिक ने किए थे गड्ढे, उनमें था पानी
सेंडोरा गांव के पाठ भोपाल के एक चिमनी भट्ठा मालिक का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इस ईट भट्ठा मालिक ने बिना अनुमति के ही पहाड़ी के नजदीक और गांवों के बीच मिट्टी की खुदाई ईटों के निर्माण कराने के लिए कराई। जिससे गहरे-गहरे गड्ढे बन गए हैं। उनमें
बारिश का गंदा पानी लबालब भरा हुआ है। जिनमें मच्छरों का लार्वा पनप रहा है। साथ ही मक्खियों की संख्या बढ़ रही है। मच्छर-मक्खियों की वजह से तेजी से संक्रामक बीमारियां फैल रहीं हैं।

बिजली बनी जटिल समस्या
सेंडोरा गांव की पिछले चार महीनों से बकाया राशि जमा नहीं करने की वजह से बिजली काट दी गई है। बिजली के अभाव में पंखे नहीं चल पा रहे हैं। इसी वजह से संक्रामक बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। सदालतपुर सेंडोरा की सरपंच रामकली बाई आदिवासी, दीपक कुमार, खूबी लालमांझी, विनोद कुमार, भीकम सिंह बैरगाी आदि ने बताया कि हमने बिजली कंपनी के अफसरों से आधी बकाया राशि जमा करवाकर बिजली चालू करने का आग्रह किया है। लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कलेक्टर से गांव की बिजली चालू कराए जाने का अनुरोध किया है।

जांच कराने लगी मरीजों की भीड़
आंगनबाड़ी एवं आरोग्य केंद्र सेंडोरा में पहुंचे डॉक्टरों को दिखाने मरीजों की कतार लग गई। एक-एक मरीज की जांचकर जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई गई। इस दौरान 41 मरीजों की मलेरिया और डेंगू जांच किट और खून की स्लाइडें बनवाई गई। इनमें दो मरीजों में मलेरिया के लक्षण होने की मेडिकल टीम ने पुष्टि की है। इसके अलावा 38 स्लाइडों की रिपोर्ट आना बाकी है। मेडिकल सांची की काम्बेक्ट टीम के चिकित्सकों द्वारा मलेरिया, वायरल, सिर दर्द, बुखार और सर्दी-खांसी से प्रभावित मरीजों की जांच की।

सेंडोरा गांव के हालात अब पहले से बेहतर हैं। बुधवार को हमने सांची की काम्बेक्ट टीम के साथ मरीजों की जांच कराई है। उन्हें जरूरी दवाएं दी गई हैं। ग्रामीणों को समझाइश दी कि अपने घर-आंगन में प्रतिदिन नियमित साफ-सफाई रखें। जलस्रोतों के आसपास गंदे पानी को जमा नहीं होने दें। घरों में और आसपास नीम का धुआं करें। डॉ. एके माथुर, बीएमओ सांची
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