script60 मीटर चौड़े फोरलेन में बीच की बजाए साइड में लगेंगे पौधे | 60 meters wide, four-lane access to the side instead of the plant | Patrika News

60 मीटर चौड़े फोरलेन में बीच की बजाए साइड में लगेंगे पौधे

locationराजगढ़Published: Dec 03, 2016 07:47:00 am

Submitted by:

veerendra singh

अभी तक फोललेन निर्माण के बाद इस तरह बीच में लगाए जाते थे पौधे

Rajgarh

Rajgarh


ब्यावरा.
विशेष प्रोजक्ट के तहत तैयार देवास-शिवपुरी फोरलेन की ड्राइंग में कुछ तकनिकी बदलाव किए गएहैं। अभी तक बने फोरलेन में निर्माण एजेंसी द्वारा रोड के बीच में पौधे लगाए जाते थे, लेकिन इस प्रोजक्ट में बीच की बजाए रोड के दोनों ओर पेड़ लगा दिए जाएंगे।

दरअसल, 60 मीटर चौड़ाई में बनने वाला फोरलेन कहीं 45 तो कहीं 50 मीटर की चौड़ाई में बनेगा।बाकी की जगह में दोनों और पौधे लगाए जाएंगे। साथही दोनों लेन के बीच में 12 मीटर की जगह छोड़ी जाएगी, जिसमें भविष्य में दोनों ओर सिक्स लेन करने के काम में लिया जाएगा। जिस प्रोजेक्ट में बीच में पौधे लगते थे वहां पहले महज साढ़े चार मीटर जगह छोड़ी जाती थी, जिसमें केवल पौधे लगाए जाते थे, अब 12 मीटर जगह सिर्फइसलिए छोड़ी जा रही है कि सिक्स लेने बढ़ाने के लिएउक्त जगह का उपयोग किया जाएगा। फोरलेन के इस नये प्रोजेक्ट से कई फायदे तो थोड़े नुकसान भी हैं।

फोरलेन निर्माणएजेंसी उक्तरोड के बीच में 12 मीटर की जगह छोड़कर रोड के दोनों ओर पेड़ लगाएगी, इससे पहले बीच में साढ़े चार मीटर की जगह में पुष्प वाले पौधे लगते थे। बीच में पौधे लगने से फोरलेन में क्रॉस होने वाले वाहन चालकों को सामने से आने वाले वाहनों की रोशनी का सीधे सामना नहीं करना पड़ता था, लेकिन अब यह रोशनी सीधे चेहरे पर आएगी।वहीं, इसका फायदा यह है कि पहले बीच में पौधे लगते थे, अब साइड में पेड़ लगेंगे। साथही बीच में छोड़ी गई 12 मीटर की जगह में भविष्य में फोर को सिक्स लेन करने में आसानी होगी।

देवास-शिवपुरी फोरलेन के ब्यावरा से देवास तक के बीच के काम ने गति पकड़ ली है। वर्तमान में बाइपास पर एनएचएआई की निर्माण एंजेसी साइडों की रिपेयरिंग में लगी हुईहै। इससे पहले बिजली कंपनी द्वारा पूरे बाइपास पर नईबिजली लाइन लगा दी गई है। अब साइडों के काम के बाद दोबारा रोड पर पड़़ चुके गड्ढों पर पैंचवर्कहोगा। फिलहाल निर्माण एजेंसी छुटपुट गड्ढों को दुरुस्त कर साइडें ठीक करने में लगी है।

पहले साढ़े चार मीटर की स्पेस में रोशनी वाहन चालक के चेहरे पर पडऩे की दिक्कत थी, लेकिन 12 मीटर स्पेस का उपयोग हम सिक्स लेन के लिएकरेंगे।साथही पहले बीच में पौधे लगते थे, अब साइडों में हम बची हुई जगह में बड़े पेड़ भी लगा पाएंगे, जो काफी कारगर साबित होंगे। वैसे यह प्रोजेक्ट पर डिपेंट करता हैं, जहां जैसी जरूरत होती है उसी हिसाब से परिवर्तन करते हैं। – विशाल गुप्ता, रीजनल मैनेजर, एनएचएआई, गुना
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