ब्यावरा। बड़े शहरों के
अस्पतालों ने अब कमाई का नया तरीका आजमाया है। अब वे अपने मेट्रो शहर को छोड़कर
जिला मुख्यालयों और अन्य छोटे शहरों में मरीज ढूंढने निकले हैं। वे झूठे प्रलोभन
देकर पहले मरीज को अस्पताल बुला लेते हैं और फिर मनचाही राशि उनसे एठते
हैं।
ऎसा ही मामला सामने आया सिविल अस्पताल का। जिले में इन दिनों भोपाल के
चिरायु मेडिकल कॉलेज की टीम जिला और सिवित अस्पताल मेंं नि:शुल्क शिविर लगा रही है।
लेकिन महज शिविर नाम का नि:शुल्क है। जहां भी शिविर लग रहा वहां से मरीजों को सीधा
भोपाल भेजा जा रहा। फ्री के नाम पर खाने और रहने के आश्वासन दिया जा रहा है।
ऑपरेशन, गोली-दवाई और अन्य तरीकों से मरीजों के बड़े बिल बनाने की योजना बनाई जा
रही है।
लोगों को गुमराह करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने शहर सहित जिलेभर के गांवों
में नि:शुल्क शिविर के पैम्पलेट बंटवा दिए। पैम्पलेट में लिखा था कि खाना, रहना और
उपचार फ्री रहेगा। ऎसे में गरीब लोग सिविल अस्पताल में दूर-दूर से अपना इलाज करवाने
आए। लेकिन उन्हें खाना और रहना तो दूर ठीक से पीने का पानी भी नहीं मिल पाया। ऎसे
लोग भी आए जिन्हें यह तक पता नहीं था कि उन्हें इलाज के नाम पर भोपाल भेज दिया
जाएगा। दूर-दूर से आए गांव वालों ने आरोप लगाया कि हमें फ्री का कहकर बुला लिया और
अब भोपाल जाने का बोल रहे हैं।
सीएमएचओ व अस्पताल ओनर की सेटिंग का
खेल
किसी भी सरकारी अस्पताल में कोई भी निजी अस्पताल कैंप नहीं लगा सकता। इंदौर
या भोपाल के ऎसे बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों को ही यहां कैंप लगाने की
अनुमति होती है। लेकिन चिरायु अस्पताल के मालिक और राजगढ़ सीएमएचओ की मिलीभगत के
चलते यह बड़ा सेटिंग का खेल चलता है। इसमें मरीजों को भोपाल भेज दिया जाता है।
अस्पताल वाले उससे भी रूपए एठ लेते हैं उसी के इलाज का सीएम स्वास्थ योजना का पर्चा
लगाकर शासन से भी राशि एठ लेते हैं।
हमने ब्यावरा में सिर्फ शिविर का आयोजन
था। बाकी काम भोपाल में ही होगा, वहां रहना और खाना फ्री रहेगा। बाकी दवाई तो
खरीदना पडेगी। हमने अभी 95 रजिस्ट्रेशन मरीजों के कर लिए हैं। मरीजों को इलाज के
लिए तो भोपाल जाना ही होगा। वैसे हमने सीएमएचओ से परमिशन ली है।आलोक अग्रोया,
पीआरओ, चिरायु मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, भोपाल
शहर में जो पैम्पलेट्स बांटे
थे, उनमें फ्री सुविधा और फ्री इलाज का बोला था, लेकिन यहां आकर देखा तो सामान्य
कान के दर्द में भी भोपाल भेज रहे हैं, और कह रहे हैं रहना व खाना फ्री रहेगा। सतीश
चंद्रवंशी, मरीज, जामोन्या खोपचा
हमारे रिश्तेदार ने हमें इलाज के लिए यहां
बुलाया है। हमने सोचा फ्री इलाज है तो क रवा लेते हैं। लेकिन यहां आकर देखा तो
उन्होंने कह दिया आप हमारे अस्पताल आइए वहीं इलाज होगा।ममताबाई यादव, निवासी भंवासा
(खुजनेर)