जम्मू कश्मीर सरकार एड्स और एचआईवी संक्रमण को लेकर बनी भ्रान्तियों और सामाजिक कलंक को दूर करने के लिए अब मौलवियों का सहारा लेनी जा रही है।
जम्मू कश्मीर सरकार एड्स और एचआईवी संक्रमण को लेकर बनी भ्रान्तियों और सामाजिक कलंक को दूर करने के लिए अब मौलवियों का सहारा लेनी जा रही है।
जम्मू कश्मीर राज्य एड्स नियंत्रण सोसाईटी के परियोजना निदेशक सलीमुर रहमान ने रविवार को यहां मीडिया के लिए आयोजित कार्यशाला के दौरान बताया कि इस योजना के पहले चरण में कश्मीर संभाग में मौलवियों को साथ जोडा जाएगा।
मस्जिदों में नमाज के बाद मौलवी एड्स से जुड़ी जानकारियां देंगे और इसे लेकर फैली भ्रान्तियों को दूर करेंगे। दूसरे चरण में जम्मू संभाग में पुजारियों और ग्रंथियों को जोड़े जाने की योजना है।
रहमान ने बताया कि धर्मगुरूओं की ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच और उनकी बात के असर के मद्देनजर एड्स से जुड़ी भ्रान्तयों को दूर करने के लिए उनकी मदद ली जाएगी। मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारों में जब इसकी जानकारी दी जाएगी तो ये जानकारियां धार्मिक आस्था से भी जुड़ जाएंगी जिनका लोगों पर व्यापक असर होगा।
इसके अलावा स्कूलों में सुबह की प्रार्थना में भी यह कार्यक्रम शुरू करने पर विचार किया जाएगा क्योंकि आज के बच्चे कल के नागरिक हैं। उन्होंने बताया कि एड्स एवं एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए सार्वजनिक वाहनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा सम्बन्धी हाल के सरकारी आदेश को लागू कराने के लिए पास बनाए जा रहे हैं।
हालांकि इस पास पर एचआईवी संक्रमण का जिक्र नहीं होगा। यह आदेश सिर्फ जम्मू संभाग के लिए है जबकि कश्मीर को इसमें शामिल नहीं किया गया है। इस रोग के मरीजों को सस्ता राशन मुहैया कराने के लिए खाद्य आपूर्ति मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। राज्य में तकरीबन 5000 लोग एचआईवी संक्रमित हैं। वयस्कों में एचआईवी संक्रमण की दर 0.17 प्रतिशत है।